यहीं बननी थी पुलिया |
|शंकर सुमन|01 जून 2013|
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड में नब्बे के दशक
में बने पुलिया को दिखाकर 2012 में मनरेगा की राशि की निकासी का एक अद्भुत मामला
प्रकाश में आया है. इस मामले में हैरत की बात ये रही कि पुल बनाया ही नहीं गया और
राशि की निकासी कर बंदरबांट कर ली गई. ये कार्य भतखोरा पंचायत के द्वारिका टोला से
भैरोपट्टी रेलवे हाल्ट जाने वाली सड़क में ईंट सोलिंग, मिट्टीकरण और नागों यादव के
खेत के पास आरसीसी पुलिया निर्माण का था और इसमें कुल प्राक्कलित राशि मो०
9,57,021/- रू० की थी. योजना संख्या 23 वित्तीय वर्ष 2010-11 से सम्बंधित है. आरोप
है कि पूर्व मुरलीगंज प्रखंड के पीओ अभिषेक आनन्द और पीआरएस संजय कुमार यादव की
मिलीभगत से समूचे 9,57,021/- रू० को गटक लिया गया है.
इस शर्मनाक वाकये पर डीडीसी मोहन
राम का कहना है कि विभागीय एसडीओ को सूचना दी गई है, जाँच कर कार्यवाही की जायेगी.
पर कई लोगों का मानना है कि जांच
के नाम पर जिले में सिर्फ खानापूर्ति की जाती है क्योंकि लूट में कई हिस्से होते
हैं और एक हिस्सा सब कुछ मैनेज करने के लिए होता है.
मधेपुरा में मनरेगा के साढ़े नौ लाख रूपये का फिर बंदरबांट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 01, 2013
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