|वि० सं०|24 जून 2013|
दहेज लोभियों ने महज एक सायकिल, एक रेडियो और एक घड़ी
से लिए रतिकला देवी की गर्दन दबा कर हत्या कर दी थी. यही नहीं पति और ससुर ने
हत्या करते वक्त रतिकला के चेहरे पर चाकू से भी वार किया था. पर आखिरकार पति और
ससुर को उनकी नीचता की सजा मिल ही गई. 10 मई 2012 को ग्वालपाड़ा के जयराम परसी में
इस हत्या को अंजाम देने वालों को मधेपुरा के एक न्यायालय ने आज दोषी ठहरा दिया.
मधेपुरा
के तदर्थ न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश श्री योगेश नारायण सिंह ने रतिकला के पति
भवेश यादव और उमाकांत यादव को दहेज हत्या का दोषी मान लिया.
क्या था मामला: मृतका के पिता मुरलीगंज के
परमानंदपुर के ब्रह्मदेव यादव ने अपनी बेटी रतिकला की शादी ग्वालपाड़ा के जयराम
परसी के उमाकांत यादव के पुत्र भवेश से की थी. शादी के बाद की रतिकला के ससुराल
वाले रतिकला को एक सायकिल, एक रेडियो और एक घड़ी लाने का दवाब देने लगे थे और उसकी
बिदागरी भी नहीं कर रहे थे.
रतिकला
की ददिया सास की मौत पर जब रतिकला का चचेरा भाई दिलखुश जयराम परसी गया तो
वहां उसे रतिकला से मिलने नहीं दिया गया और ससुराल वाले बहनाबाजी करने लगे. दिलखुश
ने वापस आकर गाँव में जब यह बात बताई रतिकला के पिता को बेटी की हत्या का शक हुआ
और फिर गाँव से 20-25 लोग जयराम परसी गए जहाँ रतिकला की लाश को मकई खेत में जलाने
ले जाया जा रहा था.
लाश की
जीभ बाहर निकली थी और गला दबा कर हत्या की गई थी. चेहरे पर चाकू के वार के निशान
थे. महज एक सायकिल, एक रेडियो और एक घड़ी के लिए दरिंदों ने एक जिगर के टुकड़े की
हत्या कर डाली थी.
बुधवार
को न्यायालय ये तय करेगी कि इन दरिंदों को कितने साल जेल भुगतने का आदेश दिया जाय.
सायकिल-रेडियो-घड़ी के लिए महिला की हत्या करने वाले पर दोषसिद्ध
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 24, 2013
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June 24, 2013
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