सबसे बड़ी चोरी का नहीं लगा सकी पुलिस अबतक सुराग

|वि० सं०|27 जून 2013|
गत 15 जून की रात्रि को नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 20 में एलआईसी के विकास अधिकारी के घर हुई चोरी का सुराग अबतक नहीं मिला है. पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि 22 लाख रूपये के संपत्ति की चोरी होने के बाद भी थाना के अधिकारी ठीक ढंग से घटना की जानकारी भी नहीं ले पाए हैं.
      पूरे मामले पर चोरी के बाद मधेपुरा थानाध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया भी आश्चर्यजनक है कि बहुत सारे चोर तो जेल में हैं. यह दर्शाता है कि पुलिस सारे चोरों को जेल में मानकर सो रही थी. दूसरी लापरवाही थानाध्यक्ष के उस बयान में है जब चोरी के एक दिन के बाद पश्चिमी बाय पास के नजदीक एक खेत में चोरी गए जेवरात के डब्बे मिले थे और खोजी कुत्ता मंगाने की बात पर थानाध्यक्ष ने कहा था कि चोर के कपड़े या कोई सामान मिलता तो कुत्ता उपयोगी हो सकता था, इन खाली डब्बों से कोई सुराग नहीं मिलेगा.
      जबकि जानकार बताते हैं कि वो एक अच्छा अवसर था जिसे मधेपुरा पुलिस ने गँवा दिया. अपराधी के कपड़ों से जहाँ 80% तक सुराग मिलने की सभावना होती है वहीं चोरों के द्वारा छुए ऐसे डब्बों से भी 20% तक सुराग मिल सकता था, पर अब इतने दिनों के बाद कुछ नहीं हो सकता.
      वैसे इस मामले में आज सदर डीएसपी ने पीड़ित के घर जाकर कुछ जानकारी हासिल की है पर देखना है कि मधेपुरा पुलिस इस सबसे बड़ी चोरी का खुलासा करने में सफल होती है या फिर वो अँधेरे में टटोलती रह जाती है.
सबसे बड़ी चोरी का नहीं लगा सकी पुलिस अबतक सुराग सबसे बड़ी चोरी का नहीं लगा सकी पुलिस अबतक सुराग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 27, 2013 Rating: 5

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