नहीं रहे सिविल के जाने-माने अधिवक्ता दुर्गाकांत मिश्र

|वि० सं०|28 जून 2013|
अपने शांत और गंभीर स्वभाव से लोगों का मन मोह लेने वाले मधेपुरा के सिविल के वरीय अधिवक्ता दुर्गाकांत मिश्र नहीं रहे. पिछले दिनों अचानक तबियत बिगड़ जाने पर उन्हें दिल्ली ले जाया गया जहाँ जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें ब्लड कैंसर बताया और साथ ही उन्हें कुछ ही दिनों का मेहमान भी कहा. उसके बाद उन्हें दिल्ली स्थित पुत्र के निवास स्थान पर लाया गया जहाँ कल 67 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम साँसे ली. वे अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं. दोनों पुत्र नागपुर और दिल्ली में अच्छे पदों पर स्थापित है और दामाद भी इंजीनियर हैं.

एक नजर जीवनी पर: स्व० मिश्र का जन्म वर्ष 1946 में उनके पैतृक गाँव सहरसा जिले के कहरा में हुआ था. बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र रहे स्व० मिश्र ने भागलपुर से लॉ की परीक्षा पास कर 02 फरवरी 1971 को मधेपुरा में वकालत शुरू की. कम ही समय में उनके अत्यंत लोकप्रिय हो जाने के पीछे कारण लोग उनकी वकालत पेशे में निष्ठा और विषय पर गहरी जानकारी रखना बताते हैं.

आहत है अधिवक्ता संघ: स्व० दुर्गाकांत मिश्र ने निधन से अधिवक्ता संघ में जो रिक्तता आई है उसे भर पाना बहुत आसान नहीं होगा. ऐसा मानना है जिला अधिवक्ता संघ के सचिव श्री जवाहर झा का. अधिवक्ता संघ ने आज सुबह स्व० मिश्र के निधन पर एक शोक सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तो जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरूण कुमार की अध्यक्षता में भी स्व० दुर्गाकांत मिश्र के निधन पर दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई.
नहीं रहे सिविल के जाने-माने अधिवक्ता दुर्गाकांत मिश्र नहीं रहे सिविल के जाने-माने अधिवक्ता दुर्गाकांत मिश्र Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 28, 2013 Rating: 5

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