|वि०सं०| 14 मार्च 2013|
सिंघेश्वर की इन
थियेटर बालाओं की हरकतों में कहीं भी अश्लीलता नहीं है. यदि आपको इसमें
कोई अश्लीलता नजर आती है तो आपको अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. जिला
प्रशासन ने सिंघेश्वर के सारे थियेटरों में सीसी टीवी कैमरे लगा रखे हैं और
अश्लीलता पाने पर इसे बंद करवा देगी. इन दृश्यों के साथ थियेटर चल रहा है. मतलब
साफ़ है..कुछ भी अश्लील नहीं है. हम सब जानते हैं जिला प्रशासन
के लोग बड़ी-बड़ी परीक्षाएं पास कर यहाँ आते हैं. श्लीलता और अश्लीलता वही तय
करेंगे..हम आप उतने पढ़े लिखे नहीं होते हैं न ! यदि आपके
दिमाग में ये बात आ रही है कि यदि ये अश्लील नहीं है तो फिर क्यों नहीं इसे
पढ़े-लिखे लोग अपनी फैमिली के साथ देखते हैं, तो माफ कीजियेगा, आपको समझाना टेढ़ी
खीर है. वैसे भी धार्मिक स्थल पर इस तरह के कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं तो दिमाग
में धर्म की बात ही रखिये न ! इन थियेटर की बालाओं में धर्म तलाशिये, जरूर मिलना
चाहिए. पिछले साल की उस बात पर ध्यान मत दीजिए कि थियेटर की एक बाला एड्स का शिकार
हो गई थी. उसे तो कई धार्मिक स्थलों पर प्रदर्शनों के बाद मोक्ष प्राप्ति हुई थी.
अजंता, एलोरा, खजुराहो आदि याद है न ! वहाँ
मंदिरों के बाहर कई तरह के शिल्प मौजूद हैं और उसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
भारतवर्ष की धरोहरें है ये सब. कहते हैं मंदिर के बाहर उसे देखने से मन के सभी मैल
धुल जाते हैं और तब आप शांत मन से ईश्वर की आराधना कर पाते हैं. तो उसी तर्ज पर
यहाँ भी आप क्यों नहीं पहले इन धरोहरों यानि थियेटर की बालाओं को देखकर अपने मन का
मैल धो डालते हैं और तब पूजा करने जाते हैं ???
हे भगवान ! अब भी आप कुछ और ही सोच रहे हैं ??? देखिये थियेटर बालाओं के इस वीडियो को, शायद आपके मन के मैल धुल जाएँ. यहीं पर क्लिक करें.
थियेटर बालाओं में अश्लीलता ??? न बाबा न !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 14, 2013
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