गाँव में पढकर किसान का बेटा लहराया परचम: बना सेना में मेजर

एक तरफ जहाँ संपन्न बाप के अधिकाँश बेटे शहरों में काफी मशक्कत के बाद भी परीक्षाओं में फिसड्डी साबित हो रहे हैं वहीं छात्र जीवन के अधिकाँश समय गाँव में गुजार कर मधेपुरा के एक किसान का बेटा अजय कुमार भगत आज मात्र 27 साल की उम्र में भारतीय सेना में मेजर बन चुका है. मधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड के टिकुलिया गाँव के किसान योगेन्द्र भगत और गृहिणी उर्मिला देवी ने शायद ये कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा एक दिन इतना बड़ा आदमी बन जाएगा कि इलाके में उनके परिवार की चर्चा होने लगेगी.
   15 फरवरी 1985 को जन्मे अजय बचपन से ही मेधावी तो थे पर पिता उसे कहीं बाहर भेजकर अच्छी शिक्षा दिलाने में असमर्थ थे. जे पी बाल विद्या मंदिर टिकुलिया से ही सातवीं तक की पढ़ाई करने के बाद आर्थिक हालात को देखते हुए पिता को अजय का दाखिला एम आर हाई स्कूल टिकुलिया में ही करवाना पड़ा. पर वर्ष 1999 में मैट्रिक करने के बाद अजय ने किसी तरह पटना के आर के डी कॉलेज से इन्टरमीडिएट विज्ञान की परीक्षा 78 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण की और पहली ही बार में अजय का चयन  एएफएमसी (आर्म्ड फ़ोर्स मेडिकल कॉलेज), पूने की मेडिकल की परीक्षा में हुआ और तब से अजय भगत ने पीछे मुड़कर नही देखा.
            वर्ष 2007 में जहाँ अजय सेना में लेफ्टिनेंट डॉक्टर बने तो 2008 में कैप्टन और फिर अपनी क्षमता के बदौलत अब वर्ष 2012 में अजय मेजर डॉक्टर हैं. अब तक अविवाहित रहे अजय मधेपुरा टाइम्स को बताते हैं कि सेना में मेजर डॉक्टर के पद पर रह कर देश सेवा तो कर रहा हूँ पर अपने इलाके के विकास की चिंता भी यहाँ सताती है. ऐसे में मधेपुरा टाइम्स से अपने इलाके की जानकारी मिलती है तो थोड़ा सुकून मिल जाता है.
      मधेपुरा टाइम्स की ओर से मधेपुरा के इस सपूत को हार्दिक शुभकामनाये.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
गाँव में पढकर किसान का बेटा लहराया परचम: बना सेना में मेजर गाँव में पढकर किसान का बेटा लहराया परचम: बना सेना में मेजर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 28, 2012 Rating: 5

3 comments:

  1. Well done Ajay, Congratulations for getting such a fantasting job as a Madhepurian.......

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  2. AIMS ke bad AFMC ka hi sthan hai..

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