मधेपुरा शहर में मानवीय संवेदना के तार-तार होने के एक नमूना आज कई घंटे तक दिखा.बच्चा जो जिगर का टुकड़ा बन सकता था,उसे अज्ञात लोगों ने पॉलीथीन में डालकर रात में ही मधेपुरा मुख्य मार्ग पर एडीबी के पास फेंक कर फरार हो गए.मृत बच्चा करीब 18 घंटे तक सड़क पर बीचोंबीच पड़ा रहा.नवजात बच्चे को देखकर लोग और पुलिस तमाशबीन बने रहे.इस बच्चे के विषय में भ्रूण हत्या कर इसे फेंकने की चर्चा पूरे शहर में हो रही
है.लोगों की बड़ी भीड़ इस मरे हुए बच्चे को देखने जमा हो गयी थी.मानवीय संवेदना मर जाने का यहाँ ऐसा नमूना दिखा कि पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग समेत नगर परिषद के कर्मचारियों को फोन करने के बावजूद उनकी नींदें कई घंटे नहीं खुली.जहाँ सुबह से ही लोगों की भीड़ इसे देखने को उमड़ रही थी वहीं अधिकारी और जनप्रतिनिधि बगल से गुजरते दिखे, पर इस बच्चे को उठवाने की दिशा में कोई कार्यवाही काफी देर तक नहीं की गयी.
है.लोगों की बड़ी भीड़ इस मरे हुए बच्चे को देखने जमा हो गयी थी.मानवीय संवेदना मर जाने का यहाँ ऐसा नमूना दिखा कि पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग समेत नगर परिषद के कर्मचारियों को फोन करने के बावजूद उनकी नींदें कई घंटे नहीं खुली.जहाँ सुबह से ही लोगों की भीड़ इसे देखने को उमड़ रही थी वहीं अधिकारी और जनप्रतिनिधि बगल से गुजरते दिखे, पर इस बच्चे को उठवाने की दिशा में कोई कार्यवाही काफी देर तक नहीं की गयी.
बता दें कि मधेपुरा जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की मिलीभगत से खुलेआम कई फर्जी नर्सिंग होम चल रहे हैं जहाँ भ्रूण हत्या को अंजाम दिया जाता है.और उसी का परिणाम हो सकता है ये सड़क पर मरा पड़ा बच्चा.आते जाते लोग मृत बच्चे को एक झलक देखने के बाद कहते सुने गए कि यहाँ का प्रशासन मर चुका है.
बाद में मधेपुरा टाइम्स की पहल पर वार्ड पार्षद दिनेश ऋषिदेव ने बच्चे के शव को स्वीपर से हटवाया.
संवेदना हुई तार-तार: मृत नवजात को फेंका सड़क पर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 31, 2012
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July 31, 2012
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