सरकार स्वास्थ्य सेवा सुधरने के लाख दावे कर लें, लेकिन हकीकत यह है कि ट्रक के धक्के से घायल बारह वर्षीय लोम को सदर अस्पताल मधेपुरा में नहीं बचाया जा सका और लोम तड़प तड़प कर मौत के मुंह में समा गया.लोम के पिता सदर अस्पताल में चिकित्सक, चिकित्साकर्मी और दवा के लिए बिलबिलाते रहे.दवा मिलना तो दूर, कोई डॉक्टर और कर्मी नहीं मिले.जब लोम की साँसे निकल गयी तब पिता के क्रंदन को सुनकर बारी-बारी से सभी अस्पतालकर्मी आ धमके और रेफर करने की तैयारी में जुट गए.अहले सुबह का बेला था, मॉर्निंग वॉक करने वाले कुछ सज्जन अस्पताल पहुंचे तो स्थिति को देखकर भड़क गए.इसी बीच अस्पतालकर्मियों ने पुलिस को सूचना देकर बुला लिया.तब जाकर मामला नियंत्रण में आ सका.
बता दें कि लोम अहले सुबह शौच करने के बाद मधेपुरा-मुरलीगंज एनएच-107 के चांदनी चौक के निकट रोड पार कर रहा था कि इसी बीच मुरलीगंज की ओर से आ रहा ईंट से लदा ट्रक ने अनियंत्रित होकर लोम को ठोकर मार दी जिससे लोम बुरी तरह घायल हो गया.इसके बाद तुरंत लोम को सदर अस्पताल मधेपुरा लाया गया जहाँ उस वक्त कोई भी चिकित्सक और कर्मचारी ड्यूटी पर मौजूद नहीं था.जब तक में वे लोग आये तब तक लोम जा चुका था.अगर लोम का त्वरित इलाज होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी.
..और तड़प तड़प कर मर गया लोम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 31, 2012
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