गंदगी और कुव्यवस्था से भरा पड़ा है सिंघेश्वर स्थान परिसर

 राकेश सिंह/13 जुलाई 2012
सिंघेश्वर मंदिर न्यास परिषद् पर हाल के दिनों में कुछ ज्यादा ही आरोप लगने शुरू हो गए हैं.बिहार का दूसरा सबसे अधिक आय वाले मंदिर की यदि व्यवस्था पर एक नजर डालें तो आप भी यकीन करने लगेंगे कि यहाँ ट्रस्ट का काम शायद पैसे जमा करना भर ही रह गया है.  
  बदहाल शिवगंगा: सबसे पहले हम शुरू करते हैं मंदिर परिसर के शिवगंगा से.शिवगंगा से श्रद्धालु स्नान कर मंदिर को जाते हैं,यानी उनकी धारणा है कि शिवगंगा में स्नान के बाद वे शुद्ध हो जाते हैं.एक तो इस शिवगंगा को पुनर्निर्माण के नाम पर ऐसा उजाड़ दिया गया है कि यहाँ पिछले सालों में डूबकर कई लोगों की मौत हो गयी है.यानी प्रशासन ने इस बना कर रख दिया है मौत का पोखर.दूसरी तरफ शिवगंगा को मल-मूत्र के ढेर पर बिठा कर रखा है इसकी देख-रेख करने वाले लोगों ने.श्रद्धालु नाक-मुंह बंद करते किसी तरह यहाँ स्नान करते हैं और जल्द मंदिर की ओर चल पड़ते हैं.
   हाल-ए-परिसर: मंदिर परिसर में मंदिर के आसपास भी आपको गंदगी का ढेर मिल सकता है.यदि अंदर झाड़ू दिला भी दिया जाता है तो कूड़े को जगह-जगह जमा कर परिसर में ही घंटों छोड़ दिया जाता है.श्रद्धालु पूजा के दौरान इनसे बचते-बचाते किसी तरह पूजा करते हैं.
   गेट पर वाहनों का जमावड़ा: हालांकि इसमें गलती अंदर जाने वाले लोगों की है जो गेट पर लिखे निर्देश के बावजूद यहाँ वाहन खड़ी कर देते हैं, पर मंदिर प्रशासन भी इसके लिए कम दोषी नहीं.यहाँ शायद ही प्रशासन का कोई व्यक्ति ये कहने के लिए खड़ा मिलेगा कि वाहनों को यहाँ न लगाएं.परिणाम यह होता है कि श्रद्धालुओं को खड़ी वाहनों की भीड़ में से बचते-बचाते परिसर में घुसना पड़ता है.
   ऐसा नहीं है कि इन कुव्यवस्थाओं की ओर मंदिर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता है.पर जहाँ यथास्थितिवादी चरित्र के प्रशासक और सदस्य खुद की पेट पर ज्यादा ध्यान देने को लगे हों, वहां सुधार की उम्मीद शायद ही की जा सकती है.जबकि सिद्धांत में सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति में पदाधिकारियों के भी काम को सुनिश्चित किया गया है.पर लगता है कि इसमें पूर्व से जमे लोग सबको बरगला लेते हैं और मंदिर का विकास संतोषजनक नहीं हो पाता है.
गंदगी और कुव्यवस्था से भरा पड़ा है सिंघेश्वर स्थान परिसर गंदगी और कुव्यवस्था से भरा पड़ा है सिंघेश्वर स्थान परिसर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 13, 2012 Rating: 5

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