गर्मी और बेहरम हवा ने तबाही को आमंत्रण देना शुरू
कर दिया है.विगत एक सप्ताह में आग से मची तबाही ने जिले के दर्जनों परिवार को
दाने-दाने के लिए मुहताज कर दिया.शंकरपुर के मधेली पंचायत का मौजमा गाँव हो या
कुमारखंड का यदुआपट्टी या फिर सिंघेश्वर, आग ने जब कहर बरपाया तो सैंकड़ों
जिन्दगियाँ बर्बाद होकर रह गयी.
रविवार का
दिन शंकरपुर के मौजमा गाँव के
करीब दो दर्जन परिवारों के लिए बदनसीबी लेकर
आया.पछुआ हवा ने एक थ्रेसर से निकली चिंगारी को इतना भयावह रूप दिया कि गाँव के
लोगों को संभलने तक का मौका नही मिल पाया.किसी का ट्रैक्टर जला तो किसी के लाखों
के सोने के जेवर जल कर ख़ाक हुआ.दिल्ली से
आया एक व्यक्ति घर में बैग रखकर हाथ-पैर
धोकर भगवान को प्रणाम करने पूजा घर गया ही था कि आग की लपटों ने उसे चारों तरफ से
घेर लिया.खुद की जान तो किसी तरह बच गयी पर साल भर की कमाई अग्नि देवता के हवाले
हो गयी.कई परिवार के तैयार गेहूं तक आग की भेंट चढ़ गए.इन पीड़ित परिवारों के पास अब
न तो रहने को घर बचा और न खाने को अनाज.यानी जिंदगी मौत से भी बदतर होकर रह गयी
है.
करीब दो दर्जन परिवारों के लिए बदनसीबी लेकर
आया.पछुआ हवा ने एक थ्रेसर से निकली चिंगारी को इतना भयावह रूप दिया कि गाँव के
लोगों को संभलने तक का मौका नही मिल पाया.किसी का ट्रैक्टर जला तो किसी के लाखों
के सोने के जेवर जल कर ख़ाक हुआ.दिल्ली से
आया एक व्यक्ति घर में बैग रखकर हाथ-पैर
धोकर भगवान को प्रणाम करने पूजा घर गया ही था कि आग की लपटों ने उसे चारों तरफ से
घेर लिया.खुद की जान तो किसी तरह बच गयी पर साल भर की कमाई अग्नि देवता के हवाले
हो गयी.कई परिवार के तैयार गेहूं तक आग की भेंट चढ़ गए.इन पीड़ित परिवारों के पास अब
न तो रहने को घर बचा और न खाने को अनाज.यानी जिंदगी मौत से भी बदतर होकर रह गयी
है.
प्रशासन
की तरफ से आग को रोकने की व्यवस्था कारगर नहीं है.मधेपुरा जिला मुख्यालय में तो
फायर ब्रिगेड की गाडियां घंटों बाद पहुंचती हैं और पहुँचने के बाद भी ये जल्द आग
बुझाने में सक्षम नहीं है.प्रशासन द्वारा पहुंचाया गया राहत ऊंट के मुंह में जीरा
जैसा है.ऐसे में गाँव में तो लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.
आग ने सबकुछ किया ख़ाक,मौत से बदतर हुई जिंदगी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 24, 2012
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April 24, 2012
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