नए आंगनबाड़ी केन्द्र यानी बीसों अंगुलियां घी में

राकेश सिंह/१२ फरवरी २०१२
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जारी है कमीशनखोरी का सिलसिला.दिल है कि मानता नहीं की तर्ज पर प्रशासन की सख्ती जब-जब होती है,तब ये थोड़े से सहमते हैं,पर फिर वही बात रे वही बात.सेविकाओं और सहायिकाओं को निरीह की तरह आईसीडीएस के कार्यालय तक मंथली कमीशन पहुंचाने ही होते हैं.हाँ, कई जगह अब विरोध की आहट पाकर कमीशन की राशि थोड़ी घटा दी गयी है.पहले जहाँ कुछ जगहों पर सीडीपीओ के हवाले से प्रति सेविका १५०० रूपये तक जबरन वसूल किये जा रहे थे, वहीं अब १०००-१२०० रूपये तक पर ये मान जा रहे हैं.प्रति माह वसूल की गयी घूसखोरी की ये राशि ऊपर कहाँ तक पहुंचाई जा रही है,ये तो अनुसंधान का विषय है,पर अधिकाँश लोग इस बात से तो पूरी तरह सहमत है ही कि जिले की सीडीपीओ साहिबा अथवा सीओ साहब इसका सबसे बड़ा हिस्सा गटक जा रहे हैं.
      समाहरणालय, मधेपुरा (जिला प्रोग्राम शाखा) ने पिछली २० जनवरी को जिले भर के लिए पचास से अधिक सेविका-सहायिका की बहाली हेतु विज्ञापन निकाला तो फिर पूरा आईसीडीएस हरकत में आ गया.जिला प्रोग्राम पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा अंसारी मधेपुरा टाइम्स को बताते हैं कि इसके लिए मेधा सूची आईसीडीएस ही तय करेगी और इसमें सीडीपीओ की भी भूमिका महत्वपूर्ण होगी.हालांकि जाति-बहुलता को आधार मानने का सरकार के निर्णय के आलोक में फिलहाल इस विज्ञापन की प्रक्रिया को स्थगित रखा गया है और जिन्होंने इसके लिए आवेदन नहीं किया है,उन्हें फिर से मौका मिलेगा.
    बिहार के मुख्यमंत्री ने हाल में ही कहा था कि सेविकाओं या सहायिकाओं की बहाली से सीडीपीओ को दूर रखा जाएगा.मतलब साफ़ है सूबे के मुखिया को भी मालूम है कि सीडीपीओ बहाली की प्रक्रिया पर उल्टा प्रभाव डाला करती हैं.पर फिर से बहाली में सीडीपीओ की भागीदारी से ये निश्चित है कि सेविका-सहायिका की बहाली में उन्हीं का चुनाव होगा जो सीडीपीओ-बड़ा बाबू-दलाल के चैनल में पैसे के बल पर सामंजस्य बिठाने में कारगर होंगी.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दफे मेधा सूची में आने के लिए सेविका के लिए एक से डेढ़ लाख और सहायिका के लिए चालीस से पचास हजार रूपये इन अधिकारियों ने तय किये हैं.यानी फिर से होंगी सीडीपीओ मालामाल.इन केन्द्रों से जो मासिक कमीशन मिलेंगे उससे इनकी आमदनी में इजाफा तो होगा ही,इस बहाली में मिले लाखों रूपये मानो तो बोनस.यानी नए आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने से फिर से होंगी सीडीपीओ और सम्बंधित घूसखोरों की बीसों अंगुलियां घी में.
नए आंगनबाड़ी केन्द्र यानी बीसों अंगुलियां घी में नए आंगनबाड़ी केन्द्र यानी बीसों अंगुलियां घी में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 12, 2012 Rating: 5

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