जिले में मोटर वेहिकल से सम्बंधित नियमों की खुले आम धज्जी उडाई जा रही है.कुछ लोग नियम की जानकारी के अभाव में इसे तोड़ रहे हैं तो कुछ जानबूझकर और कुछ तो दादागिरी रूल के तहत इसे तोड़कर दूसरों पर धौंस ज़माने का काम कर रहे हैं.रजिस्ट्रेशन प्लेट या नंबर प्लेट के मामले में तो जिले के आला अधिकारी भी नियमों की अनदेखी कर जाते हैं.
नंबर प्लेट से सम्बंधित भारत का क़ानून यह कहता है कि सड़क पर चलने वाली किसी भी गाड़ी के आगे और पीछे दोनों जगहों पर स्पष्ट नंबर लिखे प्लेट होने चाहिए.इनके रंगों और फॉन्ट के सम्बन्ध में भी नियम लागू किये गए हैं.पर मधेपुरा में कई गाड़ियों पर लगाये गए नंबर प्लेट स्वत: ही बहुत कुछ कह जाते हैं.
आइये एक नजर डालते हैं सिविल सर्जन की सरकारी गाड़ी पर.इनकी गाड़ी का अगला नंबर प्लेट दिखता भी नहीं है.उसके सामने में इन्होने अपना पद प्लेट लगवा रखा है.जबकि ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों को नोटिस भी जारी कर रखा है.मधेपुरा में सड़क पर घूमती एक मोटरसायकिल पर तो सिर्फ ‘T दरोगा’ लिखा हुआ है,नंबर का तो कहीं अता-पता भी नहीं है.जिले की बहुत सी गाड़ियों के नंबर प्लेट्स अजीबोगरीब आकार के तो हैं ही,इस पर लिखे को पढ़ना भी मुश्किल सा लगता है.ऐसे में ये गाडियां अगर दुर्घटना कर भाग जाती हैं तो इन्हें पहचानना भी मुश्किल हो जाएगा.
बात सीधी है,जब जिले के अधिकारी ही संजीदा नहीं हैं तो आम लोगों का क्या है?बहुत से लोगों का तो ये मानना है कि डीटीओ या एमवीआई की चेकिंग तो सिर्फ गलतियों को पकड़ कर अवैध वसूली के लिए है.
सिविल सर्जन से लेकर टैक्स दरोगा उड़ा रहे हैं नियम की धज्जी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 09, 2012
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 09, 2012
Rating:


No comments: