सुकेश राणा/१४ जुलाई २०११
मुश्किल हो रहा मजदूरों को |
महज एक मामूली कारण से पिछले ५६ घंटे से मधेपुरा शहर की बिजली आपूर्ति ठप्प है.कहा जाय तो बिजली विभाग की पोल पूरी तरह खुल चुकी है और इसके पदाधिकारी काम के प्रति कितने जवाबदेह हैं,इसका भी अंदाजा इस घटना से लगाया जा सकता है.दरअसल पिछले मंगलवार को ही एन एच १०६ पर बैजनाथपुर के पास तीरी गाँव में हनुमान मंदिर के सामने खेत में एक बिजली का एक डबलपोल गिर गया.शुक्र मनाइए कि उस समय खेत में कोई काम नहीं कर रहा था वर्ना एक
बड़ा हादसा हो सकता था.खैर, सुस्त बिजली विभाग को इसकी सूचना मिली.विभाग ने कछुए की गति से औपचारिकता पूरी करनी शुरू की.विभाग के कर्मचारी दो दिनों तक उस पोल को खड़ा करने में मशक्कत करते रहे,पर नतीजा कुछ नही निकला, उलटे पोल की स्थिति को इन्होने और भी बिगाड़ कर रख दी. बुधवार की शामतक जब इन अयोग्य कर्मचारियों से कुछ नही हो सका तो,विभाग के अधिकारियों ने मामला निजी ठेकेदारों को सुपुर्द किया.ठेकेदारों ने काम तो तेजी से करना शुरू किया, पर समाचार लिखने
तक मधेपुरा में विद्युत आपूर्ति पुनर्बहाल नही की जा सकी है.
तीरी में पोल गाड़ने में लगे मजदूर |
ऐसे झुके हैं बहुत सारे पोल |
इस पूरे प्रकरण से कई बातें सामने आती हैं.पोल गिरने के तुरंत ही बाद क्यों नही किसी बड़े अधिकारी द्वारा स्थिति का जायजा लेकर काम निजी ठेकेदारों को दे दिया गया.कारण बताया गया कि बिजली विभाग के अधिकारी ऐसे आपातकालीन कार्यों के लिए फंड के अभाव का रोना रोते रहते हैं.विभाग में जहाँ पहले १३५ कर्मचारी हुआ करते थे, वहीं अब ये लगभग ३० कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है.इस बार की घटना में खेत मालिक की भी गलती से इनकार नहीं किया जा सकता है.दरअसल ये कई ईंट भट्ठा का क्षेत्र हैं जहाँ ये खेत मालिक भट्ठा वालों से मिट्टी काटकर बेच लेते हैं जिससे खेत से गुजरते पोल का आधार कमजोर हो जाता है.सहरसा से मधेपुरा के बीच के बिजली के पोलों को अगर देखा जाय तो लगभग एक तिहाई पोल जर्जर हालत में है और कई बुरी तरह झुके हुए हैं.जर्जर पोलों का मेंटेनेंस शून्य है,और यहाँ भी विभाग पैसे का रोना रोती है.ऎसी स्थिति में भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से भी इनकार नही किया जा सकता है.तीरी का यह पोल अगर जमीन में गाड़ भी दिया जाता है तो ये फिर कब उखड़ जायेगा,इस बात की कोई गारंटी नही है.
इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस तीन दिन के घटनाक्रम में एक भी वरीय पदाधिकारी इस समस्या को देखने तीरी नहीं पहुंचा.ऐसी हालत में अब कनीय अधिकारीयों के बूते विद्युत आपूर्ति बहाल होने की सम्भावना टटोली जा रही है.यानी कुल मिलाकर मधेपुरा का बिजली विभाग भगवान भरोसे ही चल रहा है.
इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस तीन दिन के घटनाक्रम में एक भी वरीय पदाधिकारी इस समस्या को देखने तीरी नहीं पहुंचा.ऐसी हालत में अब कनीय अधिकारीयों के बूते विद्युत आपूर्ति बहाल होने की सम्भावना टटोली जा रही है.यानी कुल मिलाकर मधेपुरा का बिजली विभाग भगवान भरोसे ही चल रहा है.
बिजली विभाग की करतूत से 56 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप्प
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 14, 2011
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India ke world cup jitne par utni khusi nahin hui thi jitni aaj lagbahg 60 hour ke baad madhepura main bijli ke bulb ko dekh kar hui....
ReplyDeleteIndia ke world cup jitne par utni khusi nahin hui thi jitni aaj lagbahg 60 hour ke baad madhepura main bijli ke bulb ko dekh kar hui....
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