देश की सेवा कौन करे?

जो शासन का सूत्रधार
जिनके कन्धों पर राष्ट्रभार
वह स्वयं बहुत ही हल्का है
संसद में मचा तहलका है
कि देश की सेवा कौन करे?
छल से पाया है धन अशेष
बल से पाया है जनादेश
है राजनीति व्यापार यहाँ 
सत्ता सुख का आधार यहाँ
फिर देश की सेवा कौन करे? 
जनता झेल रही लाचार
भय-भूख और भ्रष्टाचार
भारत गांधी,इंदिरा से रीता है
अब नेता लालू ललीता हैं
तो देश की सेवा कौन करे?
-संतोष कुमार,अधिवक्ता,मधेपुरा.
देश की सेवा कौन करे? देश की सेवा कौन करे? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 19, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. Desh ki sewa dharam hai apna
    Desh ki sewa karam hai apna.
    Desh ko jo loot raha hai ,
    Wo bhai besharam hai apna,
    Kahi pe bachchi bhukhi soti,
    Kahi pe maaen rahti roti,

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