जहरीले साँपों से बातें करता हैं मधेपुरा का एक शख्स

रुद्रनारायणयादव/०८ नवम्बर २०१० 
कल्पना कीजिए आपके सामने एक जहरीला सांप आ जाता है.आप क्या करेंगे?मैं बता दूं कि सबसे पहले आपकी घिग्घी बंध जायेगी.शरीर का खून लगेगा कि सूख सा गया है.आप सर पर पैर उठाएँगे और दुम (भले आपकी नही हो) दबाकर भाग जायेंगे.दूसरी बात ये हो सकती है कि आप शोर मचा कर लोगों को बुला लेंगे और फिर सब मिलकर दूर से ईंट-पत्थर से मार देंगे फिर सीना इस तरह फुलायेंगे जैसे आप गैलेंटरी अवार्ड के हकदार हों.क्या आप उस जहरीले सांप को पुचकार
सकते है और उससे बातें कर उसे हाथ से पकड़ सकते है?नहीं.
     पर मधेपुरा में एक शख्स ऐसा भी है जो न सिर्फ जहरीले सांप को पकड़ता है बल्कि पकड़ने से पहले उससे बातें भी करता है.इस शख्श का नाम है गणेश ऋषिदेव.मधेपुरा रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी में रहने वाले इस शख्स को आप कहीं भी सांप पकड़ने ले जा सकते हैं.आज सुबह की ही बात लीजिए.मधेपुरा मुख्यालय के ग्रीनपार्क मुहल्ले में एक भयानक नागराज ने सुबह-सुबह दर्शन क्या दिया,पूरे मुहल्ले में अफरा-तफरी मच गयी.महिलाओं और बच्चों की चीख पुकार सुनकर नाग ने बिल की ओर रास्ता किया.पर डरे सहमे लोग अपने घरों में नही जा रहे थे कि पता नही कब ये सांप फिर से बाहर निकल कर किसी को अपना शिकार बना लें.किसी ने सलाह दी शिव की इस प्रतीक को अब गणेश ही वश में कर सकते हैं.और फिर बुलाया गया गणेश ऋषिदेव को.गणेश ने उस बिल को हाथ और खुरपी से  खोदना शुरू किया और खोदते-खोदते नागराज की पूँछ पकड कर उसे बाहर निकाला. और फिर शुरू हुआ नाग और गणेश की बातचीत और शक्ति प्रदर्शन का खेल.नाग ने शुरू में कुछ समय तो अपना पैंतरा दिखाते रहे पर गणेश एक मंजे हुए खिलाड़ी थे.कुछ ही देर के बाद लगा जैसे सांप ने हार मान  ली हो.फिर उसे एक मिट्टी के बर्तन में लेकर गणेश बीच-बीच में रुक कर खेल दिखाते घर की ओर चल दिए.गणेश की एक खास बात यह है कि ये आपके घर से सांप निकालने के लिए बड़ी राशि वसूल नहीं करते बल्कि आप जो भी इन्हें दे देंगे ये रख लेते हैं.
       तो फिर अगर आप मधेपुरा में हैं तो सांप से डरने की क्या जरूरत है? अपना गणेश है न! जाइए रेलवे स्टेशन के पास और बुला लाइए गणेश को और फिर देखिये मर्द किसे कहते है?
जहरीले साँपों से बातें करता हैं मधेपुरा का एक शख्स जहरीले साँपों से बातें करता हैं मधेपुरा का एक शख्स Reviewed by Rakesh Singh on November 08, 2010 Rating: 5

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