प्रदर्शन में कांग्रेस, राजद, सीपीआई समेत महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के कार्यकर्ता और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के समर्थक भी शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर विरोध जताया।
चार घंटे तक ठप रहा जनजीवन
सुबह करीब 7 बजे शुरू हुआ जाम लगभग 11 बजे तक जारी रहा। इस दौरान स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र, शिक्षक, दफ्तर के कर्मचारी और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और मुख्य सड़क मार्गों पर यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सरकार मतदाता सूची में जानबूझकर छेड़छाड़ कर रही है और गरीब, दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्गों को मतदान से वंचित करने की साजिश रच रही है।
राजद नेता इंजीनियर प्रभाष ने कहा, "वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के नाम पर सरकार द्वारा की जा रही मनमानी लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। लाखों गरीब और अल्पसंख्यकों के नाम जानबूझकर सूची से हटाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह साजिश का हिस्सा है।"
राजद नेता मनोज कुमार यादव ने आरोप लगाया कि "सरकार चुनाव आयोग की आड़ में संविधान विरोधी साजिशें रच रही है।"
इस मौके पर राजद नेता देवकिशोर यादव, डॉ. मनोज कुमार, राजद प्रखंड अध्यक्ष इरफान आलम, कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद पप्पू, सीपीआई नेता अनिल भारती, रमेश शर्मा, कौशल किशोर राठौड़, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रुद्रनारायण यादव, रामकृष्ण मंडल, शशिचंद्र उर्फ गोल्डू, युवा राजद अध्यक्ष विकास यादव, सुशील यादव, आभाष चंद्र असीम, अरुण यादव, प्रभात लालू, राजदीप यादव, नीरज, अंकेश, मिलन, बिट्टू, संजीव समेत बड़ी संख्या में महागठबंधन कार्यकर्ता मौजूद थे।

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