इमारत-ए-शरीया के काज़ी मौलाना फ़ैयाज़ अहमद साहब ने वक़्फ़ कानून के कानूनी और धार्मिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि यह कानून मुसलमानों के अधिकारों के विरुद्ध है और इससे वक़्फ़ की आत्मनिर्भरता समाप्त हो जाएगी।
भीम आर्मी के अबूज़र ख़ान ने इस आंदोलन को न्याय और अधिकार की लड़ाई बताते हुए सभी इंसाफ़पसंद लोगों से इस संघर्ष में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मुसलमानों का नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक का मुद्दा है। सामाजिक कार्यकर्ता जबाज ख़ान ने दो टूक कहा कि यह लड़ाई हिंदू-मुस्लिम की नहीं, बल्कि एक अन्यायी कानून के खिलाफ़ सरकार से है।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि कल 3 मई को सुबह 9 बजे झिटकिया से मधेपुरा तक एक पैदल जुलूस निकाला जाएगा, जो कला भवन के पास पहुंचकर एक दिवसीय धरने में तब्दील होगा। यह कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संविधान के दायरे में रहेगा। आयोजकों ने आम जनता से अपील की है कि वे भारी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होकर अपने संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों की रक्षा करें।

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