वफ्फ बोर्ड कानून के विरोध में होने वाले प्रदर्शन को राजद सहित अन्य महागठबंधन के नेताओं का मिला समर्थन
गुरुवार को दोपहर 2 बजे राजद नेता सह बिहारीगंज विधानसभा पूर्व प्रत्याशी इंजीनियर प्रभास के रामपुर स्थित आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक और प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। बैठक में वक्फ बोर्ड कानून को काला कानून करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करता है और धार्मिक संस्थानों की स्वायत्तता पर सीधा हमला है।
प्रेस वार्ता के दौरान अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव कारी मोहम्मद मुरसलीम ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कानून संविधान की भावना के विरुद्ध है और अल्पसंख्यक समुदाय इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि 3 मई को होने वाला यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिसके उपरांत जिला पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस अवसर पर राजद नेता इंजीनियर प्रभास ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी वर्गों से अपील की कि वे इस आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराएं।
बैठक और प्रेस वार्ता में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. लुकमान आलम, प्रखंड अध्यक्ष समीर अंसारी, मो. सलाउद्दीन, अरशद, यश, धर्मेंद्र, मिलन सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में वक्फ बोर्ड कानून को वापस लेने की मांग की और इसे मुसलमानों की संपत्ति और अधिकारों पर चोट बताया। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस बढ़ते विरोध को किस रूप में लेती है।

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