स्थानीय लोगों के अनुसार, रात में जब बाजार पूरी तरह से बंद हो चुका था, तभी अचानक एक दुकान से आग की लपटें उठने लगीं। देखते ही देखते आग ने आसपास की दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की भयावहता इतनी अधिक थी कि कुछ ही मिनटों में सात दुकानें धू-धूकर जलने लगीं। स्थानीय लोग बाल्टी, बर्तन और मोटर पंप की मदद से आग बुझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन आग इतनी तेज थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
फायर ब्रिगेड की लेटलतीफी पर आक्रोश
अग्निकांड की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन किया, लेकिन प्रखंड मुख्यालय से फायर ब्रिगेड की गाड़ी काफी देर से पहुंची। इस देरी को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने फायर ब्रिगेड की लापरवाही के खिलाफ जमकर विरोध किया और नारेबाजी की।
व्यापारियों को भारी नुकसान
इस घटना में दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है। हार्डवेयर दुकान के मालिक विमल कुमार ने बताया कि उनकी दुकान में रखा लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। मिठाई की दुकान चलाने वाले बेचो साह , मिठाई दुकानदार प्रकाश शाह ने बताया कि उनका पूरा स्टॉक जल गया, जिससे वे पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। इसी तरह, पान दुकान अखिलेश यादव और सब्जी विक्रेताओं भज्जू रजक को भी बड़ा नुकसान हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार श्यामल कुमार पिता स्वर्गीय विपिन यादव, दिनेश यादव पुत्र मंजीत यादव सब्जी दुकानदार, सभी ने बताया कि कुछ भी नहीं बचा सब अग्नि की भेंट चढ़ गई
आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं
अग्निकांड का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोग शॉर्ट सर्किट की आशंका जता रहे हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह किसी की लापरवाही से हुआ होगा। पुलिस और प्रशासन की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। दुकानदारों का कहना है कि उनके पास अपनी रोजी-रोटी चलाने का और कोई साधन नहीं बचा है, इसलिए सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि घटना की जांच की जाएगी और प्रभावित दुकानदारों को उचित सहायता प्रदान की जाएगी।

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