कार्यक्रम की शुरुवात संत रविदास के तेलचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि संत रविदास एक महान समाज सुधारक थे । भारत में व्याप्त अंधविश्वास, जातिवाद, मनुवाद, पाखंड और कर्मकांडो के खिलाफ समाज में जागरूकता लाया । सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध और समतामूलक समाज के निर्माण में अतुलनीय योगदान है । इनके विचार आधुनिक भारत के नींव में है । उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त जाति के आधार पर शोषण - भेदभाव और जन्म आधारित श्रेष्ठता को नकारा। भारत में हजारों वर्षों तक जाति के आधार पर बहुसंख्यक पिछड़ी, दलित आबादियों को शिक्षा, संपति और मुख्यधारा से वंचित रखा गया। ऐसे में संत रविदास ने जाति के स्थान पर कर्म को प्रधानता देने की बात कही । उनका मानना था कि व्यक्ति का आधार एवं सम्मान कर्म के आधार पर करनी चाहिए जन्म के आधार पर कोई पूज्यनीय नहीं होता है । जाति एक ऐसा रोग है, जिसने भारतीयों के मनुष्यता को नाश कर दिया है, जाति इंसान को इंसान नहीं रहने देती उसे ऊंच - नीच में बाट देती है ।
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि एक आदर्श एवं समतामूलक समाज की स्थापना बुद्ध, कबीर, रविदास, फुले , आंबेडकर, पेरियार के विचारों को समाज में स्थापित करने से ही होगा । जब तक सभी वर्गों से बिना भेदभाव के भारत के विकाश में भागीदारी सुनिश्चित नहीं किया जाएगा तबतक देश का विकाश, देश की एकता , एकजुटता और अखंडता सुनिश्चित नहीं हो सकती है । कार्यक्रम में मुख्यरूप से एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, जिला महासचिव नवीन कुमार, प्रखंड संयोजक रणधीर कुमार, उमेश कुमार, फूलचंद कुमार, अमित कुमार, रमित कुमार, कृष्णा राज, नरेश कुमार, ललन कुमार, कृष्णामोहन कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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