मुरलीगंज को अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा
साथ ही साथ यहाँ देश के विभिन्न बडी मंडियों से सीधे तौर पर कपडा, अनाज का व्यवसाय होता आ रहा है, यह बाज़ार कपडे मंडी के तौर पर पुरे देश में ख्याति प्राप्त हैं। मुरलीगंज एवं कुमारखंड कास्ट आधारित उद्योग का काफी प्रमुख केंद्र हैं। इन सभी व्यवसायिक कारणो से दोनों प्रखंडो को मिलाकर राष्ट्रीय स्तर के बैंको की कुल संख्या 14, एवं 2011 के अनुसार मुरलीगंज एवं कुमारखंड प्रखंड के 39 पंचायत एवं एक नगर पंचायत 439000 कुल जनसंख्या हैं। यहाँ उत्क्रमित विद्यालय 39 हाई स्कूल 12 मिडिल स्कूल 284 एक सरकारी महाविद्यालय एवं 5 से ज्यदा वित्त पोषित महाविद्यालय और एक गर्ल्स हाई स्कूल है । आँगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या मुरलीगंज एवं कुमारखंड में 502 है और शहरी क्षेत्र में 22 हैं, राष्ट्रीय स्तर के बैंक, एक निजी बैंक व ट्रांसपोर्ट कंपनी अपनी कार्यालय खोल रखी है। यह शहर मधेपुरा जिले को राजस्व उगाही में अग्रणी भूमिका निभाती रही है, इस शहर को अपना रेलवे स्टेशन, माल गोदाम, राष्ट्रीय राजमार्ग, कॉलेज, अस्पताल, हाई स्कूल सर्किट हाउस यह सारी चीजें उपलब्ध हैं, साथ ही मुरलीगंज प्रखंड में रेफरल अस्पताल की अधिसूचना सरकार के तरफ से आई हुई हैं, लेकिन विडम्बना इस शहर की यह है कि यह सारी चीजे होने के बाद भी उपेक्षा का शिकार बना हुआ और शहर आज तक अनुमंडल का दर्जा नही पा सका, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कुमारखंड प्रखंड के अंतिम गाँव जो, कि अररिया जिले के बॉर्डर पर हैं। वँहा से जिला एवं अनुमंडल मुख्यालय की दूरी लगभग 100 कि० मी० हो जाती है।
मामले में चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के सचिव बाबा दिनेश मिश्रा ने कहा कि एक अनुमंडल बनने सभी आवश्यक मापदंड के होते हुए अभी तक अनुमंडल का दर्जा प्राप्त नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है जनहित का मुद्दे समझते हुए इस पर पहल करते हुए अनुमंडल बनाए जाने की प्रक्रिया पर पहल किए जाने की मांग की.
हस्ताक्षरित आवेदन में शिव प्रकाश गड़ोदिया प्रदेश महासचिव जद यू, दिनेश मिश्रा उर्फ बाबा संयोजक अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति, विजय कुमार सह संयोजक, सूरज कुमार जायसवाल नगर भाजपा अध्यक्ष, संदीप कुमार, प्रणय कुमार साह चैंबर ऑफ़ कॉमर्स उपाध्यक्ष, सिंटू कुमार आदि थे.

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