मधेपुरा के आलमनगर और चौसा प्रखंड के 7 पंचायतों में बाढ़ का है कहर, 7 पंचायतों के 78 हजार 798 लोग हैं प्रभावित, जहां मुख्य रूप से 17 हजार 510 लोग हैं बेघर, जिसके लिए जिला प्रशासन ने तत्काल 13 जगहों पर राहत शिविर लगाकर आवासन और भोजन को लेकर किया है पुख्ता इंतजाम, जहां प्रत्येक दिन और रात 934 लोग कर रहे हैं शिविर कैंप में भोजन।
बता दें कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए जिला मुख्यालय में जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जहां डीएम तरनजोत सिंह खुद कर रहे हैं मॉनिटरिंग और शिकायत मिलने पर त्वरित गति मामले का भी किया जाता निष्पादन । वहीं जिले आलमनगर और चौसा प्रखंड के निचले इलाके में आई बाढ़ की विभीषिका को लेकर आज डीएम तरणजोत सिंह ने प्रेस वार्ता कर विभिन्न जानकारी देते हुए बताया कि खासकर मधेपुरा जिले में आलमनगर और चौसा प्रखंड अंतर्गत कोसी नदी कहर बरपाई है. कोसी नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण चौसा और आलमनगर के 7 पंचायत के 78 हजार 798 आबादी मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं जहां 17 हजार 510 लोग पूरी तरह बेघर हैं जिसके लिए जिला प्रशासन प्रभावित इलाकों में 13 जगह पर राहत कैंप शिविर लगाकर प्रभावित परिवारों के लिए भोजन और आवासन की उचित व्यवस्था की है. इन राहत शिविर में तकरीबन 934 लोग लगातार दिन और रात भोजन कर रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि यातायात को लेकर चिन्हित जगहों पर 97 नाव की व्यवस्था है. साथ ही 19 जगहों पर मेडिकल कैंप और 4 जगहों पर पशु कैंप भी लगाया गया है। डीएम तरनजोत सिंह ने बताया कि बाढ़ से जो सड़के ध्वस्त हुई हैं इसके लिए विभागीय अधिकारी को तैनात किया गया है. इस दिशा में कार्यवाही की जा रही है. वहीं एक सवाल पर डीएम ने कहा कि बाढ़ के कारण जो धान की फसलें बर्बाद हुई हैं, इस दिशा में जिला कृषि पदाधिकारी को आकलन कर रिपोर्ट समर्पित करने हेतु निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि 13 जगह चल रहे राहत शिविर के अलावे भी कई अन्य जगहों पर शिविर लगाकर प्रभावित परिवार को भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
वहीं बाढ़ प्रभावित इलाके में घूम घूमकर लगातार आलमनगर विधायक सह बिहार विधान सभा के डिप्टी स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव भी ले रहे हैं जायजा।

No comments: