दरअसल उदाकिशुनगंज के नया नगर गांव में आदि काल से ही स्थापित मां वैष्णवी दुर्गा की भव्य मंदिर विराजमान है। यहां का इतिहास हजारों वर्ष पुराना बताया जाता है, यहां मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर करीब 5 एकड़ से अधिक भूभाग में फैला है। मंदिर परिसर में एक बड़ा तालाब और तालाब के बगल में एक सुंदर हवन कुंड भी है । बताया जाता है कि आदि काल में राजा राज देव के समय से ही यहां मां वैष्णवी दुर्गा विराजमान हैं, यह भव्य मंदिर मनोकामना पूर्ण सिद्धि पीठ के नाम से प्रसिद्ध है। यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं उनकी हर संभव मुरादे पूरी हो जाती है। भले हीं मां खुद वैष्णवी है, लेकिन इस मंदिर परिसर में प्रसाद स्वरूप बलि प्रदान होती है। इतना ही नहीं, पूरे बिहार और परोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालू आते हैं जिनकी मुरादे पूरी हो जाती है वे खुद बलि प्रदान करवाते हैं ।
बताया ये भी जाता है कि मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान मां का स्वरूप दिन में कई बार बदलता है । मां के बदलते छटा से मां का अलग अलग स्वरूप भी दिखता है । हालांकि बिहार सरकार के ट्रस्ट से इस मंदिर को मान्यता प्राप्त है और समय समय पर बिहार सरकार मंदिर परिसर में जीर्णोधार और रंगरोगन आदि व्यवस्था के लिए राशि भी आवंटन करती है ।
वहीं स्थानीय सेवा निवृत ग्रामीण फौजी सतेंद्र सिंह और मंदिर न्यास बोर्ड के सचिव प्रमोद सिंह की माने तो दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु को कुछ परेशानी होती है. अगर पर्यटन विभाग इसे पर्यटक स्थल घोषित कर दे तो श्रद्धालुओं की परेशानी स्वतः दूर हो जाएगी और भव्य मंदिर का दिशा और दशा भी और अत्यधिक सुंदर हो जाएगा।
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