सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे बाढ़ से प्रभावित परिवारों का कहना था कि इटहरी पंचायत पूर्णतः बाढ़ से प्रभावित है. कई घरों में बाढ़ का पानी चला गया है. वहीं कई वार्ड ऐसे हैं जो बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिरा हुआ है. इन सबके बावजूद इटहरी पंचायत को नजरअंदाज किया गया और आज लगभग 7 दिन होने चले हैं, अब तक ना ही प्रशासन के द्वारा और नहीं जनप्रतिनिधि के द्वारा बाढ़ से पीड़ित परिवारों की सुधि ली गई है. साथ ही क्षेत्र के विधायक सह बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव के द्वारा क्षेत्र दौरा के दौरान भी इटहरी पंचायत के बाढ़ पीड़ित परिवारों का हाल-चाल जाना नहीं जाना जिस वजह से लोगों में खास आक्रोश व्याप्त था.
बाढ़ से प्रभावित परिवार के लोगों द्वारा सड़क पर टायर जलाकर सरकार एवं स्थानीय विधायक सह बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वहीं जाम की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी निशांत कुमार स्थल पर पहुंचे और लोगों को समझने का प्रयास किया परंतु लोगों में आक्रोश इतना था कि पदाधिकारी को सुनने के लिए तैयार नहीं थे. सिर्फ इसी बात पर अडिग थे कि इटहरी पंचायत को भी बाढ़ प्रभावित पंचायत घोषित किया जाय. जिस वजह से लगभग चार घंटे तक दोनों चौक पर सड़क जाम रहा.
वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी के वाहन को भी प्रदर्शनकारियों के द्वारा घेर कर रखा गया. ग्रामीणों ने बताया कि जब तक हम लोगों का कोई निदान नहीं निकलेगा किसी भी कीमत पर वाहन निकालने नहीं देंगे.
वहीं घंटो मशक्कत के बाद इटहरी पंचायत के मुखिया राजेश रौशन निषाद एवं आलमनगर महागठबंधन के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी इंजीनियर नवीन निषाद स्थल पर पहुंचकर लोगों को आश्वस्त कराया कि पदाधिकारी के द्वारा दूरभाष पर बात की गई, जिस पर पदाधिकारी के द्वारा यह बताया गया है कि बाढ़ प्रभावित बाढ़ का स्थल निरीक्षण किया जाएगा और जो बाढ़ प्रभावित वार्ड या घर है उसकी सूची तैयार कर उसे सहायता राशि दी जाएगी. इसके बाद लोगों के द्वारा सड़क जाम हटाया गया ।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)

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