जबकि 25 सितंबर को प्रखंड कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम तरनजोत सिंह के समीप जनप्रतिनिधि के द्वारा अवैध नर्सिंग होम के बारे में शिकायत की गई थी। जिस पर चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर ललन कुमार को अविलंब कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन कार्रवाई के बदले 15 दिन बाद निजी अस्पताल का ताला खुल जाना एक बड़ा सवाल लोगों के बीच सामने खड़ा है. ऐसे में मिली भगत होने की आशंका जताई जा रही है।
लोगों का मानना है कि भोले भाले लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एवं मरीज से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले निजी नर्सिंग होम के खिलाफ प्रशासन की नजर बदल गई है।
बीते माह 2 सितंबर को पीएचसी प्रभारी डा ललन कुमार ने प्रखंड क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना वैध डाक्टरों के संचालित - लाइफ केयर नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस भेजा गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घैलाढ़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने लाइफ केयर नर्सिंग होम संचालकों को भेजे गए नोटिस में स्पष्ट किया था कि वह अस्पताल बिना निबंधन, बिना विशिष्ट योग्यताधारी चिकित्सक और तकनीकी स्टॉफ के संचालित हो रहा है। जो बिहार क्लीनिकल एस्टेबलिस्टमेंट एक्ट के विरुद्ध है। पीएचसी प्रभारी ने अस्पताल के संचालक को एक सप्ताह के अंदर संस्थान को बंद करते हुए इसकी सूचना देने को कहा। ऐसा नहीं करने पर संस्थान को सील करने की कार्रवाई करने की बात कही गई थी । पीएचसी प्रभारी ने इसकी सूचना सिविल सर्जन को भी दी है। लाइफ केयर नर्सिंग होम के संचालक के द्वारा जवाब नहीं देने पर जिसके बाद 22 सितंबर को पीएचसी प्रभारी डा ललन कुमार और घैलाढ ओपी अध्यक्ष अवधेश प्रसाद के साथ छापा मारकर जांच के दौरान लाइफ केयर नर्सिंग होम को बिना मानक के मिलने पर जांच की बात कहकर सील किया गया था। वहीं मालूम हो कि सील लाइफ केयर नर्सिंग होम 15 दिन बाद शुक्रवार से धड़ल्ले संचालित से किया जा रहा है.
प्रखंड प्रमुख रंजू देवी ने बताया कि घैलाढ़ में कुकुरमुत्ता की तरह पीएचसी प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से अवैध नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। पीएचसी प्रभारी द्वारा सख्ती से कार्रवाई नहीं करने की शिकायत जिलाधिकारी और सीएम को पत्र लिखकर कर अवगत कराया जाएगा।
पीएचसी प्रभारी डा ललन कुमार ने बताया कि डिग्रीधारी डाक्टर क्लिनिक का संचालन कर सकते हैं। लाइफ केयर नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन नहीं है। डा रविन्द्र कुमार सिंह और डॉ मीनाक्षी सिंह ने शपथ पत्र बनाकर दिया है। इसीलिए नर्सिंग होम को खोलने की अनुमति दी गई है।
मधेपुरा सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि बिना लाइसेंस ओर रजिस्ट्रेशन का नर्सिंग होम संचालन अवैध है। जिलाधिकारी के पत्र के आलोक में घैलाढ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से उक्त नर्सिंग होम का रिपोर्ट मांगा गया है। विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी ।
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