एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मुकदमा करने की धमकी देना तानाशाही रवैया

विगत दिनों भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदेश मंत्री श्री अभिषेक यादव जी के नेतृत्व  में 24 अगस्त को अपनी मांगों को लेकर सिंडिकेट सदस्यों का घेराव किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही रवैया से छात्र-छात्रा काफी परेशान हो चुके थे और वे अपनी मांगों को लेकर काफी उग्र थे। एबीवीपी छात्र छात्राओं की मांगों को लेकर मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति से बातचीत करना चाहते थे लेकिन कुलपति उनसे कोई बात करना नहीं चाहते थे ना ही उनकी किसी समस्याओं को सुनना चाहते थे। जिसके कारण गतिरोध काफी समय तक बना रहा । अभाविप के सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर लगातार कुलपति एवं सिंडीकेट सदस्यों से गुहार लगाते रहे लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन सुनने को तैयार नहीं थे इस वजह से कार्यकर्ता उग्र हो गए और सिंडिकेट के बैठक में जाने से सभी को रोक दिया। इसके बाद प्रशासन के पहल पर कुलपति ने ज्ञापन लिया और सभी मुद्दों पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि इन सभी समस्याओं का समाधान यथा शीघ्र कर लिया जाएगा।

इसके लगभग 15 दिनो के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक पत्र जारी करते हुए छात्र छात्राओं की आवाज को दबाने के उद्देश्य से प्रदेश मंत्री समेत, प्रदेश सह मंत्री मनीष चौपाल, प्रदेश कार्य समिति सदस्य सह सीनेट सदस्य भावेश झा, विभाग संयोजक सौरव यादव, प्रदेश कार्यकारिणी परिषद सदस्य आमोद आनंद आदि कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने हेतु अनुशंसा की गई है ।

प्रदेश मंत्री श्री अभिषेक यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी पत्र में विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन को "सामाजिक तत्व" और "आपराधिक छवि " जैसे शब्दों का प्रयोग कर कुलपति ने अपनी गरिमा को धूमिल कर ली है। उन्होंने कहा कि विभाग संयोजक सौरभ यादव शोधार्थी (वाणिज्य संकाय) को उनके विभाग में पत्र भेजकर शोध कार्य से निलंबित कर दिया है जो की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और तानाशाही रवैया का द्योतक है। मंडल विश्वविद्यालय के इतिहास में यह घटना एक काला अध्याय से कम नहीं है। मंडल विश्वविद्यालय की स्थापना काल से लेकर के अब तक किसी भी कुलपति के द्वारा इतना क्रूर और तानाशाही प्रवृत्ति की मानसिकता को लेकर काम नहीं किया गया था। यह पहली बार ऐसा है कि छात्र-छात्राओं की समस्याओं को सुनने के बजाय उन्हें मुकदमा और निलंबित और निष्कासित करने की परंपरा को शुरू किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय परिसर में छात्र संगठन एवं छात्र संघ के माध्यम से अपनी समस्याओं को लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलनों के माध्यम से उठाने की परंपरा रही है। अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना छात्र छात्राओं और छात्र संगठनों का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन मंडल विश्वविद्यालय प्रशासन इसे छीनकर तानाशाही स्थापित करना चाहती है। 

अतः इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि शीघ्र से शीघ्र अब अभी कार्यकर्ताओं पर किए गए मुकदमों की अनुशंसा पर रोक लगाए जाय एवं विभाग संयोजक श्री सौरव यादव का निलंबन वापस किया जाए अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे उत्तर बिहार में मंडल विश्वविद्यालय कुलपति के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य रूप से सौरभ कुमार यादव, समीक्षा यदुवंशी, नवनीत सम्राट उपस्थित थे।

(ए. सं.)

एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मुकदमा करने की धमकी देना तानाशाही रवैया एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मुकदमा करने की धमकी देना तानाशाही रवैया Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 16, 2024 Rating: 5

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