मजबूरी: इस स्कूल तक पहुँचने के लिए बरसात में पानी से होकर इस तरह गुजरते हैं बच्चे

एक ओर शिक्षा विभाग विद्यालय संचालन और विद्यालय में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति कराने के लिए लगातार नए-नए नियम कानून बना रहे हैं। लेकिन यहां कई ऐसे विद्यालय हैं, जो भवनहीन हैं या वहां तक पहुंचने का  रास्ता तक नहीं बन पाया है। मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड क्षेत्र के बेहरारी पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बेहरारी तक जाने का कोई सुलभ रास्ता नहीं है। जिससे विद्यालय में वर्ग एक से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को बारिश के मौसम में कमर भर पानी पार कर विद्यालय जाने की मजबूरी बन जाती है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सड़क पर जमा पानी को पार करने के दौरान कभी भी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है।

विद्यालय में अध्यनरत छात्र/छात्रा रोहित कुमार ,ब्यूटी कुमारी, पूनम कुमारी, संध्या कुमारी, शिवानी कुमारी, श्वेता कुमारी, नेहा कुमारी, अस्मिता कुमारी, संतान कुमारी, प्रीतम कुमार, आर्यन कुमार, आशीष कुमार, दीनबंधु कुमार, राजा कुमार, अभिषेक कुमार, आरती कुमारी, गुंजन, अर्चना कुमारी, पार्वती कुमारी, गायत्री  कुमारी सहित अन्य ने बताया कि विद्यालय आने वाले सभी रास्ते में  पानी जमा रहने के कारण विद्यालय आने के दौरान वे फिसलकर गिर जाते हैं. जिस वजह से अधिकांश बच्चे कीचड़ और पानी के कारण विद्यालय नही आ पाते हैं. जिला प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेकर यातायात को सुदृढ़ करवाना चाहिए, ताकि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बनी रहे.

 विद्यालय के शिक्षक एच एम सुनील कुमार, रामप्रवेश कुमार, रामदेव कुमार, रघुनंदन यादव, प्रतिमा कुमारी, श्वेता रानी, अनुराधा भारती, रोहित कुमार, अजय कुमार,आलोक ,अनु कुमारी यादव ,पंकज कुमार सहित सभी शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नही है. जो कच्ची रास्ता है भी वह बरसात के मौसम में जलमग्न हो जाता है, जिसको लेकर प्रखंड से लेकर जिला तक के सभी अधिकारी को मौखिक और लिखित रूप में जानकारी दे कर थक गए हैं. लेकिन इस और अबतक किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया गया है जिस वजह से विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक सहित छात्र /छात्रा को विद्यालय पहुंचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. 

स्कूल प्रबंधन लगा चुका है अधिकारी से गुहार

मुख्य मार्ग से विद्यालय तक रास्ता बनवाने और विद्यालय के अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा लिखित रूप में प्रखंड प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर सड़क निर्माण कराने और विद्यालय के जमीन का सीमांकन करा अतिक्रमण मुक्त कराने की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अब तक इस ओर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकी है. न तो किसी अधिकारी ने ध्यान दिया है और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने ही. जिस वजह से विद्यालय कार्य दिवस में बच्चे के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी विद्यालय पहुंचने के लिए कीचड़ के साथ घुटने भर पानी को पारकर पहुंचना पड़ता है। इस बाबत ग्रामीण विकास विभाग के जेई प्रिंश गौतम ने बताया कि स्कूल जानेवाली सड़क करीब 800 मीटर का सैंक्शन हो गया है। जल्द ही टैंडर होगा। उसके बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से पूरी सड़क जलमग्न हो गया है। जिसकी सूचना शनिवार को मुखिया प्रतिनिधि राहुल कुमार, ग्रामीण उपेन्द्र योगी सहित कई लोगों ने सीओ को सूचना दिया। सीओ राहुल कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल किया।सीओ ने बताया कि सड़क पर पानी जमा होने से बच्चों को परेशानी हो रही है। जिसकी रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को भेज दिया गया है।

विधायक चन्द्रहास चौपाल ने बताया कि बेहरारी गांव में बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है। जिसके लेकर पूर्व में ही ग्रामीण विकास विभाग से सड़क का मंजूरी मिल गई है। बारिश के बाद जल्द ही सड़क निर्माण शुरू करवाया जाएगा। साथ ही प्रखंड के दर्जनों छोटी बड़ी सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

मजबूरी: इस स्कूल तक पहुँचने के लिए बरसात में पानी से होकर इस तरह गुजरते हैं बच्चे मजबूरी: इस स्कूल तक पहुँचने के लिए बरसात में पानी से होकर इस तरह गुजरते हैं बच्चे Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 29, 2024 Rating: 5

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