उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से अब तक 25 लाख बच्चों ने नामांकन करवाया हैं. जो संस्थान नामांकन करने में सी और डी कैटेगरी से ए और बी में आये उनकी सराहना की गई और जो अभी भी उस कैटेगरी में हैं, उन्हें नये नये तर्क साझा किये. साथ ही साथ शिक्षार्थियों को कौन-कौन से एआई टूल्स सीखनी चाहिए, जिससे वो अपने निजी जीवन में उसका उपयोग कर सकें. इंटरव्यू की तैयारी कैसे अपने संस्थान के लर्नर को कराई जायें. बैठक में उन्होंने बताया कि अलग अलग गतिविधियों में कैसे लर्नर को व्यस्त रखा जाए.
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 240 घंटे का कोर्स करवाया जाता हैं. बैठक में जिला नियोजन पदाधिकारी - लार्विन कुमार, जिला कौशल प्रबंधक - मनीष कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक - महेन्दर कुमार, क्लस्टर मैनेजर - श्याम शुन्दर कुमार और केवाइपी केंद्र संचालक बैठक में मौजूद रहे.
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