भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं कृष्ण के भक्त भगवान कृष्ण के भ क्त इस दिन को बहुत भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस त्योहार को देवत्व, प्रेम और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में भी जाना है।
जन्माष्टमी का इतिहास 5,200 साल से भी पुराना है, जो इसे सबसे पुराने लगातार मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक बनाता है। इस साल, यह वैदिक गणना के अनुसार भगवान कृष्ण के जन्म की 5,251वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है।
पण्डित चंदेश्वरी प्रसाद यादव के द्वारा लगातार भागवत कथा वाचन किया जा रहा था।
संध्या में स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन संध्या का भी आयोजन किया गया।
मध्य रात्रि को यजमान किशोर कुमार यादव एवं उनकी पत्नी द्वारा पूजा-पाठ प्रारम्भ किया गया और 12 बजे रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में माता बहन एवं भक्तजन उपस्थित को जयकारे लगा रहे थे।
*आज होगा शोभायात्रा का आयोजन
श्रीकृष्ण मंदिर गौशाला से संध्या 03 बजे से भक्तजनों के द्वारा विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर मंदिर निर्माण समिति के संरक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव, अध्यक्ष अजय प्रसाद, उपाध्यक्ष किशोर कुमार, कोषाध्यक्ष राजेश कुमार, राकेश भारती, श्रीकृष्ण सेना अध्यक्ष राहुल यादव, पंकज यादव, डॉ. अंकेश गोप, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर कुमार, अनंत प्रताप सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन एवं भक्तजन उपस्थित रहे।
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