इसी सिलसिले में प्रखंड बंदोबस्त पदाधिकारी सह शिविर प्रभारी विक्रांत कुमार गौरव ने जनप्रतिनिधियों, गणमान्य लोगों और भूस्वामियों के साथ बैठक कर उन्हें भूमि सर्वेक्षण के बारे में जागरूक किया।
भूस्वामियों को क्या-क्या करना होगा?
उन्होंने बताया कि सर्वे में सभी रैयतों के अद्यतन अधिकार, अभिलेख या खतियान तथा प्रत्येक रैयत के खेसरा या प्लॉट का नक्शा वर्तमान स्थिति के अनुसार तैयार करना है. इसके लिए सबसे पहले जमीन की मापी कराकर मेड़ ठीक करा लें और चौहद्दीदारों की जानकारी इकट्ठा कर लें। उन्होंने जमीन संबंधित कागजात के बारे में बताया कि भूमि से संबंधित विवरण स्वघोषणा पत्र अर्थात प्रपत्र 2 में खेसरावार भरकर शिविर में जमा करना है या विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना है. स्वघोषणा पत्र के साथ स्वामित्व संबंधी दस्तावेज जैसे जमाबंदी रजिस्टर, लगान रसीद, एलपीसी, वसीयत, दान, विनिमय, खतियान, वंशावली, बंटवारा आदि संलग्न करना है. वंशावली प्रपत्र 3(1) में भरकर जमा करनी है.
वहीं उन्होंने सर्वे की प्रगति को ऑनलाइन चेक करने की जानकारी देते हुए बताया कि भूमि सर्वेक्षण में ऑनलाइन भाग लेने तथा प्रत्येक चरण की प्रगति ऑनलाइन देखने के लिए निदेशालय की वेबसाइट LRS.bihar.gov.in पर जा सकते हैं या बिहार सर्वे ट्रैकर नामक ऐप की मदद ले सकते हैं. उन्होंने भूमि सर्वे के लिए ग्राम सभा में भाग लेकर अपना खतियान और अपने गांव का नक्शा बनाने में सरकार की मदद करने की अपील की।
अंचलाधिकारी बन्दना कुमारी ने बताया कि इस कार्य के लिए अंचल में ही कार्यालय बनाया गया है. इस कार्य के लिए एक विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, अमीन और कानूनगो पहुंचे हैं, जो अंचल क्षेत्र के सभी गांवों का सर्वे का कार्य शुरू करेंगे।मौके पर कानूनगो नीतीश कुमार आमीन सोनू कुमार सुधांशु रंजन आदि मौजूद थे।
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