मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में आज 17 जून को ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद धूमधाम के साथ बकरीद मनाई गई. इस दिन इस्लाम धर्म से जुड़े लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं. इस्लाम धर्म में बकरीद को बलिदान का प्रतीक माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, जिलहिज्ज का महीना साल का अंतिम महीना होता है. इसकी पहली तारीख काफी महत्वपूर्ण होती है. इस दिन चांद दिखने के साथ ही बकरीद की तारीख का ऐलान किया जाता है. जिस दिन चांद दिखता है उसके दसवें दिन बकरीद का पर्व मनाया जाता है.
बकरीद मीठी ईद के करीब दो महीने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने में मनाई जाती है. बकरीद पर जहां बकरों की कुर्बानी दी जाती है वहीं ईद-अल-फितर पर सेवई की खीर बनाई जाती है. बकरीद को ईद उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 17, 2024
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