'अब शिकायतकर्ता को थाने से भगा नहीं सकेंगे, शिकायत दर्ज कर देनी पड़ेगी रसीद': एसपी

मधेपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह द्वारा मुरलीगंज थाने का निरीक्षण किया गया. 

प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि थाने में शिकायत लेकर जाने वाले फरियादियों को थाने में तैनात ओ डी अफसर से मिलकर तथा मौजूद पुलिस पदाधिकारी एवं वहां के थानाध्यक्ष से मिलकर अपनी समस्या रखेंगे. अभी हम थाने पहुंचकर वहां पुलिस पदाधिकारी एवं मौजूद कर्मियों की क्या-क्या समस्याएं आ रही हैं इन सभी चीजों से अवगत हो रहे हैं. कुछ समस्याएं अनुसंधान से संबंधित होगी. अनुसंधान में जो हाई कोर्ट एवं कानून से संबंधित गाइडलाइंस होती हैं उनका सही तरीके से अनुपालन ससमय हो. पुलिस अधिकारी लिखित शिकायत नहीं लेने या एफआईआर दर्ज नहीं करने के लिए तरह-तरह का बहाना तो नहीं बना रहे हैं. आवेदन की रिसीविंग का जो प्रावधान है उसे भी देखा जा रहा है. अभी थाने में आने वाले शिकायतकर्ता का समाधान आधे घंटे के भीतर हो. अगर आवेदक के आलोक में प्राथमिकी दर्ज होनी है तो आधे घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज हो तथा शिकायतकर्ता को प्राथमिकी की कॉपी  उपलब्ध करवाने का दिशा निर्देश हम लोगों ने दिया है. अगर थाने में सिर्फ शिकायत से संबंधित आवेदन आते हैं तो आवेदन की रिसीविंग उन्हें उपलब्ध करवाई जाए.

उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता को यह भी बताओ कि इस आवेदन के आलोक में यह कार्रवाई की गई है और यह विधि सम्मत है. कौन सा जमानतीय अपराध की श्रेणी में है और कौन सा गैर जमानतीय. यह अपराध की श्रेणी में प्राथमिकी दर्ज की गई है. हमने सभी थाना अध्यक्षों को इस तरह के दिशा निर्देश दिए हैं कि वे जनता का भरोसा जीते.

थाने में महिला हेल्प डेक्स लगा है. समाज की महिला को लगता है कि उसकी फरियाद थाने में नहीं सुनी जाएगी. उनके मन में जो यह विचारधारा बैठी है उसे निकालना है. कोई छोटा विवाद है, कोई छेड़खानी कर रहा है, कोई पति-पत्नी का मामला है, तो निःसंकोच महिलाएं हेल्प डेक्स में आएं. अभी मुरलीगंज में थाना अध्यक्ष भी महिला है और महिला हेल्प डेक्स भी उपलब्ध है. 

ऐसे मामले में जो त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए वह करें. उन्हें न्यायालय के जो भी गिरफ्तारी संबंधित नोटिस जारी हो उसे पर समय सीमा के अंतर्गत अमल हो. प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर अनुसंधान रिपोर्ट जानी है वह रिपोर्ट भेजें. जो गिरफ्तारियां होनी है वह गिरफ्तारियां हो. आने वाले समय में गैर कानूनी तत्व द्वारा किए जा रहे अपराधों पर भी अंकुश लगाने की दिशा में पहल की जाएगी.

75 फीसदी गंभीर और बड़े अपराधों का खुलासा करना. 75 दिनों में अनुसंधान कर मामले का निपटारा करना. फरियादी की शिकायत पर 30 मिनट में कार्रवाई करना. 30 दिन में जांच पूरी करना और फरियादी को निःशुल्क जांच रिपोर्ट की कॉपी देना. चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट सत्यापन, किराएदार सत्यापन लाइसेंस जांच आदि 30 दिनों में पूरा करना. डायल 112 शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट से कम समय में पहुंच रही है. अब सभी इलाकों में 20 मिनट में पहुंचने का टारगेट. लापता व्यक्ति की सूचना मिलने पर पुलिस 20 मिनट में पहुंचेगी. अपराध होने पर पुलिस को मौका ए वारदात पर पहुंचने का समय 20 मिनट होगा. 20 दिन में न्यायालय से प्राप्त समन का तामीला 20 दिनों के अंदर करना है.

जीरो टॉलरेंसः महिला अपराध, रंगदारी, भ्रष्टाचार, आधिकारिक पद के दुरुपयोग और अनुचित आचरण के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

'अब शिकायतकर्ता को थाने से भगा नहीं सकेंगे, शिकायत दर्ज कर देनी पड़ेगी रसीद': एसपी 'अब शिकायतकर्ता को थाने से भगा नहीं सकेंगे, शिकायत दर्ज कर देनी पड़ेगी रसीद': एसपी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 01, 2024 Rating: 5

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