ओपी को थाना का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्र के तमाम लोगों के साथ-साथ ओपी में तैनात पुलिस पदाधिकारी में भी खुशी की लहर हैं इस दौरान उन्होंने बताया कि थाना का दर्जा मिलने से स्वतंत्र होकर काम करेंगे, पहले एफआईआर ओपी प्रभारी की ओर से अग्रसारित किया जाता था जो मधेपुरा थाने में दर्ज होती थी लेकिन अब थाने का दर्जा मिलने के बाद अब परमानंदपुर परिसर में ही एफआईआर दर्ज किए जाएंगे। ओपी में थाना के अनुसार कम पुलिस पदाधिकारी रहते थे लेकिन अब थाना मिलने के बाद यहां भी पर्याप्त संख्या में पुलिस पदाधिकारी की तैनाती कर की जाएगी। अब स्वतंत्र थाने के रूप में कार्य करेगी। जल्द ही परमानंदपुर थाना का भवन निर्माण भी कराया जाएगा। परमानंदपुर थाना अंतर्गत भतरंधा परमानपुर एवं बरदाहा पंचायत आते हैं और पंचायत को भी जोड़े जाएंगे जिससे लोगों को पुलिस की मदद मिलेगी ।पुलिस हमेशा आम लोगों के लिए मदद के लिए तैयार रहेगी।
1982 में खुला था परमानंदपुर ओपी 41वां साल बाद थाना का मिला दर्जा
बता दें कि मधेपुरा थाना अंतर्गत परमानंदपुर ओपी 7 मार्च 1982 को खुला था. अपराध की रोकथाम और विधि व्यवस्था को देखते हुए परमानंदपुर ओपी खोलने का दर्जा मिला. इसके करीब 41वां साल बाद परमानपुर ओपी को गृह विभाग से थाना का दर्जा मिला है. थाना का दर्जा मिलने से इलाके के लोगों को मधेपुरा जाना नहीं पड़ेगा और परमानपुर थाना में ही एफआइआर से लेकर अन्य काम पूरा कर सकते हैं. इलाके के लोगों में थाना खुलने की मंजूरी मिलने से खुशी है।
मौके पर थाना अध्यक्ष रंजन कुमार,एस आई मदन पोद्दार , ए एस आई ज्योतिष सिंह, एम एल टी कॉलेज सहरसा के प्रधानाचार्य प्रो पवन कुमार यादव, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि अशोक यादव मनीष कुमार, बरदाहा मुखिया राजीव रंजन उर्फ राजू , पूर्व मुखिया महादान ठाकुर सहित गणमान्य व्यक्ति और पुलिसकर्मी उपस्थित थे।
![परमानंदपुर: 41 वर्ष बीतने के बाद थाना का दर्जा मिलने से स्थानीय लोगों में खुशी](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivP6y1AKiJYV-ppGaG31NiNwlqLLQhakvfX4JjxkmkPL_5zOmzlduUU15xK-M10qUT8_YJrHqx-pNNHJPXgb0HZF0rqEd3SCCJkfluBtTGYVkaX_Nu3TrSLtdVqVL1WA2yx_nbeD_yXiAYKV_bPNTPV1nYl25YgrGYIpttVam6iVk7LhqA47V8_Y54_8s/s72-c/WhatsApp%20Image%202024-02-26%20at%202.45.47%20PM.jpeg)
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