कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीके रुबी बहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारी की विश्व शान्ति की जो परिकल्पना है, वह एक दिन जरूर साकार होगी क्योंकि इसके संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने अपना एक-एक संकल्प, एक-एक सेकेंड शान्ति के सागर परमात्मा पिता के आदेश पर उनके विश्व शान्ति के कार्य को साकार में लाने के लिए पूर्णत: समर्पित किया एवं उनके आदेश व निर्देश पर सत्यता के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए 18 जनवरी, 1969 को अपनी संपूर्ण स्थिति को प्राप्त किया. आज लाखों ब्रह्मा-वत्स उनके पद-चिन्हों पर चलकर शान्तिदूत बन शान्ति की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा और विश्व शान्ति के लिए नि:स्वार्थ रूप से समर्पित रहा. उनकी त्याग, तपस्या और सेवा की मजबूत नींव पर यह ईश्वरीय विश्वविद्यालय आज सारे विश्व में शान्ति का पताका फहराने का भागीरथ कार्य कर रहा है. उनका जीवन शिक्षाओं का खान था, जो इस संस्थान के लाखों भाई-बहनों को आध्यात्मिक पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए उनका मार्ग प्रशस्त कर रहा है.
ब्रह्मा बाबा को सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विश्व शान्ति का संकल्प लिया.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से निर्मल चौधरी, सुबोध भाई, तेज नारायण भाई, भूपाल भाई, अर्चना बहन, प्रभा बहन, इंद्रा बहन आदि मौजूद थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 18, 2024
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