कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि सामाजिक आंदोलन के अग्रदूत, महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले एक महान समाज सुधारक, समाजसेवी, लेखक, सामाजिक वैज्ञानिक, दार्शनिक तथा क्रांतिकारी विचारक थे. इन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के वंचित, शोषित, दमित, अछूत और स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार, सम्मान और बाल विवाह के विरोध में लगा दिया. उन्होंने समाज में व्याप्त कुप्रथा, आडंबर, अंधश्रद्धा के खिलाफ समाज में जागरूकता लाया. आगे उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने साल 1848 में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्कूल खोला था. पूणे में खोले गए स्कूल में उनकी पत्नी सावित्रीबाई पहली शिक्षिका बनीं. इनका प्रमुख उद्देश्य शूद्रों-अतिशूद्रों को न्याय दिलाना, उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, उन्हें उत्पीड़न से मुक्ति दिलाना, वंचित वर्ग के युवाओं के लिए प्रशासनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आदि शामिल था.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिला सचिव सोनू कुमार, ज्योतिष कुमार, लालबहादुर कुमार, संजीत कुमार, कुंदन कुमार, संदीप कुमार, रूपेश कुमार, प्रिंस कुमार, विशाल कुमार, आशीष कुमार, राजा बाबू, सौरभ बसंत, शंकर कुमार, राजेश कुमार, सत्यम यादव समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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