मौके पर उपस्थित अतिथियों ने कलाकारों की तारीफ करते कहा कि बदलते दौर के साथ लोगगीत नृत्य व संगीत के मायने बदले हैं। जहां धूम-धड़ाका वाली संगीत को लोग -बाग पसंद करते हैं। वहां आज भी सृजन दर्पण टीम के उर्जावान कलाकारों ने लोक संगीत व लोक कलाओं और लोकगाथाओं को न सिर्फ सहेज रहे हैं बल्कि उसके विस्तार के लिए हम देखते है लगातार विभिन्न मंचों से प्रयास भी कर रहे हैं। इस दौरान बिहार के लोक आस्था और लोकाचार की प्राचीन परंपरा से जुड़े भाई-बहन के बीच के स्नेह और प्रेम का जीवंत रूप लोकपर्व सामा-चकेवा और लोक आस्था के महापर्व छठ गीत पर आधारित नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहर से आऐ आमंत्रित कलाकारों ने भी कई बेहतरीन प्रस्तुति देकर लोक सांस्कृतिक माहोल का निर्माण किया।
कार्यक्रम के शुरुआत में लोक गायक आलोक कुमार ने राधा कृष्ण पर आधारित भजन और ग़ज़ल की शानदार प्रस्तुति से सबके दिल जीत लिया । इस दौरान सृजन दर्पण के कलाकारों ने राधा कृष्ण पर आधारित श्रीकृष्ण का संदेश'नामक लोक नाट्य के जरिए संदेश मूलक मंचन से देश और समाज को संदेश देने का सफल प्रयास किया। इसमें कलाकार रंगकर्मी नीरज कुमार, आर्यन राणा, साक्षी कुमारी, रेशम कुमारी, मौसम कुमारी और सुश्री माही और रंगकर्मी विकास थे । प्रस्तुति को सफल बनाने में संस्था सदस्य सौरभ कुमार और स्नेहा कुमारी ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को महोत्सव समिति के सदस्यगण और पूर्व प्रमुख अतिथि अमरेन्द्र यादव ने अंगवस्त्र से सभी कलाकारों को सम्मानित किया. मौके पर आयोजन समिति के संजोयक संजय कुमार साह,पवन कुमार साह, राजेश कुमार साह, प्रमोद कुमार साह आदि सहित कई जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे।
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