वहीं हत्या के 9 दिन बाद भी हत्या आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. जबकि मृतक के पिता संजय भगत के द्वारा थाना में दिए गए लिखित आवेदन में दो नामजद अभियुक्त बनाया गया है और चार अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज करवाया गया है. वहीं पुलिस इस मामले में अभी तक ना तो किसी प्रकार का वैज्ञानिक अनुसंधान कर पायी है और ना ही आरोपी की गिरफ्तारी हो पायी है. वहीं इस बात से परिजन व ग्रामीणों में पुलिस के विरोध काफी आक्रोश दिख रहा है.
पुलिस की लापरवाही से हत्यारे को मिल रहा है मौका
मनीष हत्याकांड में पुलिस की शिथिलता से हत्यारे को भागने या सबूत मिटाने का मौका मिल रहा है. मनीष की हत्या को नौ दिन बीत गये हैं. मृतक के शव के समीप मृतक का मोबाईल मिला, जिसमें मोबाईल पर हत्या होने तक मोबाईल चालू रहने की बात सामने आई है. परिजनों को आशंका है कि जो लोग मृतक से बात कर रहा था उसी लोगों ने साजिश रच कर हत्या कर दी है. ये सब जानकारी केस में दर्ज है बावजूद पुलिस अभी तक मोबाईल डिटेल तक नहीं निकाल पायी है, जबकि मोबाइल का कॉल डिटेल आने के बाद हत्या कांड में शामिल लोगों के नामों का उद्भेदन होने की उम्मीद है.
हत्याकांड में जांच सही से हो तो कई सफेदोपोश लोगों के नाम भी सामने आयेंगे
मनीष की हत्या में साजिश की बू आ रही है. मसलन जिस प्रकार से मनीष का शव छत पर एक पतले छड़ में बंधा होना कई तरह के शक को जन्म देती है. लोगों में चर्चा है कि मनीष की हत्या प्रेम प्रसंग के कारण हुई है. लड़की पक्ष के लोगों ने पहले मनीष की पिटाई की और बाद में हत्या कर उसके ही मकान की छत पर लटका दिया. चर्चा तो यहां तक है कि अगर पुलिस इस कांड की सही से जांच करे तो गांव के कई सफेदोपोश लोगों के नाम सामने आयेंगे, जो हत्या की साजिश रचने में शामिल थे.

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