घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि रसलपुर धुरिया पंचायत के धरहरा टोला वार्ड नम्बर आठ निवासी (70 वर्षीय) दीप नारायण सिंह अन्य दिनों के तरह रविवार की देर रात्रि में अपने पुत्र के बंद घर के बरामदे पर सोए हुए थे. इसी दौरान अपराधियों ने रात्रि करीब दो बजे उनके कनपट्टी में गोली मार दिया. परिजनों को चार बजे जानकारी मिली. विश्वकर्मा पूजा को लेकर गांव में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. जिसकी ध्वनि काफी ज्यादा थी जिससे लोगों को इस घटना की जानकारी देर से मिल पाई और घर के भी सदस्य उस प्रोग्राम में शामिल थे. जब सुबह में परिजन घर पहुंचे जमीनी विवाद में सुप्तावस्था में वृद्ध की गोली मार कर हत्या
मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र में रविवार की रात्रि में सुप्तावस्था में वृद्ध की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना का कारण जमीनी विवाद बताया जा रहा है, जबकि घटना के बाद पुलिस मामले की पड़ताल करने में जुट गई है.
घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि रसलपुर धुरिया पंचायत के धरहरा टोला वार्ड नम्बर आठ निवासी (70 वर्षीय) दीप नारायण सिंह अन्य दिनों के तरह रविवार की देर रात्रि में अपने पुत्र के बंद घर के बरामदे पर सोए हुए थे. इसी दौरान अपराधियों ने रात्रि करीब दो बजे उनके कनपट्टी में गोली मार दिया. परिजनों को चार बजे जानकारी मिली. विश्वकर्मा पूजा को लेकर गांव में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. जिसकी ध्वनि काफी ज्यादा थी जिससे लोगों को इस घटना की जानकारी देर से मिल पाई और घर के भी सदस्य उस प्रोग्राम में शामिल थे. जब सुबह में परिजन घर पहुंचे तो मृतक घायल अवस्था में थे.
घटना की जानकारी चौसा पुलिस प्रशासन को दी गई. जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने आनन फानन में उन्हें घायलावस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा भेज दिया और मामले की पड़ताल में जुट गई.
घटना के संदर्भ में मृतक के पुत्र रामदयाल सिंह ने बताया कि गांव के ही सुभाष सिंह से जमीन का विवाद लगभग दो वर्षों से चल रहा है. सुभाष सिंह का कहना है कि जमीन हमारी है. मेरे फरीकेन से क्यों लिया जमीन, मुझे दो वरना किसी को भी मार देंगे. जिसे लेकर 14 अगस्त को चौसा थाना में सनहा भी दिया गया है और इससे पूर्व मारपीट होने पर मुकदमा भी चला था लेकिन समाप्त हो गया था. जो फिर शुरू हो गया था.
हालांकि किसान दीपनारायण सिंह को गोली किसने मारी किसी ने नहीं देखा लेकिन गोली की आवाज जरूर सुनाई दिया. मृतक का पोता कृष्ण कुमार ने बताया कि सभी लोग विश्वकर्मा पूजा के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने गए थे. सुबह वापस आने पर देखा कि दादा चौकी पर से नीचे गिरे थे और खून से लथपथ थे. हल्ला करने पर अन्य लोग आए और इलाज के लिए ले जा रहे थे कि इतने में ही उनकी मौत हो गई.तो मृतक घायल अवस्था में थे.
घटना की जानकारी चौसा पुलिस प्रशासन को दी गई. जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने आनन फानन में उन्हें घायलावस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा भेज दिया और मामले की पड़ताल में जुट गई.
घटना के संदर्भ में मृतक के पुत्र रामदयाल सिंह ने बताया कि गांव के ही सुभाष सिंह से जमीन का विवाद लगभग दो वर्षों से चल रहा है. सुभाष सिंह का कहना है कि जमीन हमारी है. मेरे फरीकेन से क्यों लिया जमीन, मुझे दो वरना किसी को भी मार देंगे. जिसे लेकर 14 अगस्त को चौसा थाना में सनहा भी दिया गया है और इससे पूर्व मारपीट होने पर मुकदमा भी चला था लेकिन समाप्त हो गया था. जो फिर शुरू हो गया था.
हालांकि किसान दीपनारायण सिंह को गोली किसने मारी किसी ने नहीं देखा लेकिन गोली की आवाज जरूर सुनाई दिया. मृतक का पोता कृष्ण कुमार ने बताया कि सभी लोग विश्वकर्मा पूजा के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने गए थे. सुबह वापस आने पर देखा कि दादा चौकी पर से नीचे गिरे थे और खून से लथपथ थे. हल्ला करने पर अन्य लोग आए और इलाज के लिए ले जा रहे थे कि इतने में ही उनकी मौत हो गई.
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