समाजसेवी श्री सिंह ने कहा कि धर्म, अध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान, खगोल ये सभी हमारी उस पुरातन गुरुकुल व्यवस्था की देन है. बीच के कालखंडों में विदेशी आक्रांताओं ने इसे पूर्ण रूप से नष्ट करने के लिए भरपूर प्रयास किया किंतु वो गुरुकुल आधारित ज्ञान जो हमारे जीन मे किसी न किसी रूप में सुषुप्तावस्था में पड़ा हुआ है, वह एक बार फिर से अनुकूल परिस्थिति पाकर जागृत होकर फिर से फलीभूत होने लगा है. इसी का परिणाम है कि हम एक ही बार में मंगल यान को सफलतापूर्वक भेजने में सफल होते हैं, और आज चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना सफल लैंडिग कर विश्व कीर्तिमान रचने जा रहा है.
उक्त मंत्रोच्चार में वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल मिश्रा, अभिमन्यु कुमार वर्मा, कृष्णानंद ठाकुर, नवल किशोर यादव, अमित सिंह, राजकिशोर सिंह, अरविंद मल्लाह समेत राष्ट्रभक्त मौजूद थे.
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