कलाकारों ने नाटक के माध्यम से प्लास्टिक के बहिष्कार करने का संदेश दिया और आम लोगों को प्रेरित भी किया कि वे अपने रोजमर्रा के काम में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करें। रंगकर्मियों ने पालिथीन व प्लास्टिक की थैलियों में बाजार से सामान लाने के बजाए कपड़े, जूट ,मोटे कागज के थैले साथ में रखने के लिए मौजूद दर्शकों से अपील कि। अपने संवाद के जरिए बताया सब लोग जानते हैं प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है देश सहित बिहार में सरकार के ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक लगा दिया है। निर्देश कि उल्लंघन करने वाले पर एक लाख व पांच साल की सज़ा का प्रावधान है।
सृजन दर्पण के उजार्वान कलाकारों ने बताया कि प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए बहुत खतरनाक है । उससे कई जीव-जंतु मर जाते है और उसके जलने से भी खतरनाक गैस निकलती है जो प्रकृति के लिए हानिकारक है। इसमें मुख्य अभिनय में रंगकर्मी बिकास,आर्यन राणा, शिवम् कुमार, सौरभ कुमार, आकांक्षा प्रिया, अभिलाषा कुमारी, सृष्टि कुमारी, मौसम कुमारी, शालु कुमारी, साक्षी कुमारी, मनतशा और काजल ने बेहतरीन प्रस्तुति से मौजूद दशकों का दिल जीत लिया। तालियों के गड़गड़ाहट से लोगों ने कलाकारों का हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत में कलाकारों ने सभी लोगों से कपड़े का झोला लेकर बाजार जाने की शपथ भी दिलाई।
वहीं संगीत शिक्षक डां. सुरेश कुमार शशि के नेतृत्व में छात्रों ने स्वागत गीत और विदाई गीत सहित कई गीत की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया। मौके पर संस्था के मुख्य संरक्षक डॉ. भूपेन्द्र ना. मधेपुरी, डॉ.सुरेश कुमार भुषण, डॉ.कृष्णा कुमार आदि ने बेहतरीन प्रस्तुति की सराहना की ।
इस अवसर पर विद्यालय के पुर्व प्राचार्य डॉ. विभा कुमारी, प्रभारी प्राचार्य अंशु माली, शिक्षक उमेश कुमार, रुपेश कुमार,रोहन कुमार, अभिनाश कुमार, पंकज कुमार,बिक्रम कुमार आदि और शिक्षिका रेनु कुमारी, रत्न कुमारी, बबिता कुमारी, नितु कुमारी पूजा कुमारी आदि एवं बड़ी संख्या में छात्रों सहित शिक्षाविद मौजूद थे। समारोह का सफल संचालन शिक्षक सुभाष कुमार ने किया।

No comments: