संयुक्त छात्र संगठन के द्वारा मांगों में मुख्य रूप से राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय सहरसा के बीएड स्पॉट राउंड नामांकन में व्यापक धांधली में लिप्त प्राचार्य, विभागाध्यक्ष को अविलंब पदमुक्त कर कार्यवाही सुनिश्चित हो, स्नातक प्रथम खंड के परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित छात्र छात्राओं के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि कम से कम 2 दिन स्पेशल रूप से दिया जाए. पीएचडी कोर्स वर्क के लिए नामांकन हेतु सभी विभागों में सीट वृद्धि अभिलंब किया जाए और पीएचडी नामांकन में धांधली में दोषी अधिकारी पर कार्रवाई हो. राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय सहरसा बीएड विभागाध्यक्ष पर जांच कमेटी गठन होने के बाद वरीय शिक्षकों को विश्वविद्यालय द्वारा पदभार देने संबंधित बातों से पूर्वाग्रह में आकर राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय बीएड विभागाध्यक्ष के द्वारा एकेडमिक रूप से सीनियर बीएड शिक्षक ब्रजेश शरण यादव पर बदले की भावना से मनगढ़ंत आरोप लगाकर निर्दोष शिक्षक के ऊपर लगे फर्जी आरोप का जांच हो. क्योंकि जिस समय विभागाध्यक्ष द्वारा घटना का जिक्र किया गया है उस वक्त बीएड शिक्षक विश्वविद्यालय मुख्यालय में मौजूद है.
मांग को लेकर विश्वविद्यालय के संपूर्ण कार्यालय को बंद करवाते हुए कुलपति कार्यालय का घेराव किया. छात्र नेताओं ने आक्रोशित होकर कहा कि आरएम कॉलेज सहरसा के बीएड स्पॉट राउंड नामांकन प्रकरण मामले को लेकर छात्र संगठन द्वारा 20 दिन पहले मांग पत्र देने और कुलपति के आदेश के बाद भी कुलसचिव कार्यालय के द्वारा 15 दिन लगातार फाइल को अपने कार्यालय में दबा के रखना यह प्रतीत होता है कि राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय बीएड प्रकरण में कुलसचिव की भूमिका संदिग्ध और कुलसचिव के द्वारा पक्षपात कर मामले की लीपापोती करने और दोषियों की बचाने का गंभीर आरोप छात्र संगठन ने लगाया. छात्र नेताओं ने कहा कि कुलपति अविलंब राजभवन को लिखकर कुलसचिव की यह जांच हाई कोर्ट के द्वारा करवाएं नहीं तो छात्र संगठन आर पार की लड़ाई लड़ेगी.
छात्र संगठनों ने कहा कि बीए स्पॉट नामांकन में पूर्व के दिनों भी विश्वविद्यालय के कुछ पदाधिकारियों के हठधर्मिता और पक्षपातपूर्ण रवैया के कारण है. हाई कोर्ट पटना के द्वारा दंडित किया गया और संपूर्ण बिहार में बीएन मंडल विश्वविद्यालय की फजीहत हुई. जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन में कोई सीख नहीं लिया और इस वर्ष भी कुलसचिव के द्वारा अपने प्रिय प्राचार्य और विभागाध्यक्ष को बचाने के लिए जांच कमेटी बनाने में सबसे बड़ा रोड़ा अटकाए हुए थे. छात्र संगठनों के द्वारा लगा था 15 दिनों से विश्वविद्यालय में टेबल टेबल फाइल के लटकाने से आक्रोशित होकर कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया और आरोप लगाते हुए कुलपति से दरखास्त किया अविलंब कुलसचिव की भूमिका की जांच हो नहीं तो संगठन माननीय कुलाधिपति से मिलकर कुलसचिव की भूमिका का जांच करवाएगी.
4 घंटे बाद मामला सुलझा और छात्र संगठनों ने कुलपति कार्यालय जाकर वार्ता किया. छात्र संगठनों की ओर से बताया गया कि जिसके बाद कुलपति ने राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय के बीएड विभागाध्यक्ष प्रतिष्ठा कुमारी को पद से हटाते हुए शकील अख्तर बीएड विभागाध्यक्ष के रूप में प्रभार दिया. वहीं स्नातक पार्ट वन में परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 1 दिन के लिए बढ़ा दी गई एवं अन्य मांग पर भी त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी विभागाध्यक्ष को सीट बढ़ाने संबंधित रिमाइंडर करने के लिए अधिकारी को निर्देश दिया गया.
विश्वविद्यालय तालाबंदी में मुख्य रूप से एनएसयूआई राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल पासवान, आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली, रालोजद के अभिषेक कुशवाहा, एसएफआई मधेपुरा के जिला सचिव, विमल विद्रोही, एनएसयूआई सहरसा के जिला सचिव नीतीश यदुवंशी, अंकित झा, पिंकेश कुमार, छात्र लोजपा सहरसा के जिला अध्यक्ष अमरेश पासवान, छात्र जदयू के निखिल सिंह यादव, कोमल कुमार, आइसा मधेपुरा के जिला संयोजक पावेल कुमार, कृष्ण कुमार, राज किशोर कुमार, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के आशीष कुमार, मुन्ना कुमार, सचिन कुमा,र एसएफआई के मनीष यादव, पंकज मंडल, प्रिंस कुमार सनोज यादव, रमेश राम, संतोष कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे.

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