कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण देते हुए ओपन विंग फाउंण्डेशन की संस्थापिका एवं जानी मानी शिक्षाविद, कवि, लेखक व समाजसेवी डॉ. शांति यादव ने मुरलीबाबू को एक महान शिक्षाविद, अनुशासनप्रिय, अध्येता एवं एक कुशल व सशक्त समाजसेवी बताया. उन्होंने कहा कि वे मेरे पति थे लेकिन वे हमेशा एक अच्छे व सच्चे दोस्त के रूप में मेरे जीवन के हरेक अच्छे व बुरे परिस्थितियों में कदम से कदम मिलाकर चले. मैं जबतक इस धराधाम पर हूँ, उनके बताये पदचिन्हों पर चलने का भरसक प्रयास करूंगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मधेपुरी ने कहा कि मुरली बाबू एक महान शिक्षक के साथ-साथ एक उच्च कोटि के सामाजिक व्यक्ति थे. जिसमें गरीब व मजलूमों के प्रति दया व करूणा कूट कूट कर भरी थी. कार्यक्रम के दूसरे सत्र यानि कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बीएनएमयू मानविकी संकायाध्यक्ष व प्रख्यात लेखक व कवि डॉ. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि मुरली बाबू अपने छोटे भाई के नाम पर छात्रावास चलाते थे, जिसमें गरीब व असहाय बच्चों को मुफ्त में खाना एवं अन्य सामग्री देते थे.
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. मंजू वात्सायन की ओर से मुरली बाबू के जीवनवृत पर एक आलेख पढ़ा गया और अंत में कविता का भी पाठ किया गया. मौके पर कवि व लेखक मणिकांत वर्मा, डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप, प्रो. अरूण कुमार, रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव रमेन्द्र कुमार रमण, डॉ. शशि, शिक्षिका मीणा मधुलिका, तमोट परसा माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य रणविजय, प्रभाष चन्द्र, रामचन्द्र, अधिवक्ता जय प्रकाश, शशिप्रभा जयसवाल समेत दर्जनों वक्ता व कवियों ने डॉ. मुरलीधर बाबू को श्रद्धांजलि दिया तथा मौके पर कविता भी पढ़ी. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन निशांत डेंटल के निदेशक डॉ. नीरव निशांत ने किया.

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