जानकारी के देते हुए आशा कार्यकर्ता प्रखंड सचिव रिंकू देवी ने बताया कि 12 जुलाई से से ही राज्य स्तरीय हड़ताल पर चले गए हैं. जब तक हम लोगों की 9 सूत्री मांगे पूरी नहीं होती हम लोग हड़ताल पर रहेंगे. मांगों के बारे में बताया कि उन्हें पारितोषिक नहीं मासिक मानदेय चाहिए, 10,000 रुपये नियत मासिक मानदेय, स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी घोषित करो, फैसिलिटेटर को 20 दिन का भुगतान किया जाता था अब 30 दिन का एसवीसी भ्रमण भत्ता 500 रुपये का भुगतान आदि मांगों को रखा गया है। क्षेत्र की आशा ने अपने मांगों के समर्थन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया।
वही कंचन कुमारी ने बताया कि आज दैनिक मजदूरों को भी 500 से कम मजदूरी नहीं दिया जाता है हम तो खास करके महिला हैं. हम लोगों का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत है. बच्चे के जन्म से लेकर टीकाकरण यहां तक कि कोविड- महामारी के दौरान हम लोगों ने वैक्सीनेशन के दौरान कठिन परिश्रम किया लेकिन उसका पारिश्रमिक आज तक नहीं मिला.
वही आशा फैसिलिटेटर प्रखंड अध्यक्ष शशि देवी ने बताया कि पिछले बार भी जब हम लोगों ने हड़ताल की थी तो सरकार ने हमें ₹1000 प्रोत्साहन राशि का झुनझुना पकड़ा कर पल्ला झाड़ लिया. अब सरकार को पल्ला झाड़ने नहीं देंगे. सरकार से हम अपनी मांगे मनवा कर रहेंगे. अभी तो अनिश्चितकालीन धरना है हम लोग आत्मदाह और भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे। सरकार जो समझ रही है वह गलत कर रही है. आज मजदूरों का भी इतना कम वेतन नहीं है जितना कम हमें दिया जा रहा है हमें ₹10000 वेतन तय करें नहीं तो आगामी चुनाव में अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिलेंगे इस सरकार की नींव हिला कर रख देंगे.
इस सामूहिक प्रदर्शन में सभी कार्यकर्ता और सदस्यों ने सामूहिक कार्य का बहिष्कार करते हुए हिस्सा लिया। जायज मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगा। इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा का कार्य पूरी तरह सामान्य रूप से चल रहा है।
No comments: