भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा नल जल योजना, बिना आंधी तूफान के ही धराशाई हो गया पानी टंकी

 मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नलजल योजना से बनी जलमीनार पानी भरते ही छत सहित पानी टंकी भरभरा कर गिर गया. जलमीनार गिरने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. स्थानीय ग्रामीणों के लिए पहली बार इसमें पानी भरते ही जलमीनार की छत गिरने से नलजल योजना के गुणवत्ता व लूट खसोट का पोल खोल रही है.

ड्रीम प्रोजेक्ट नलजल योजना की सूक्ष्मता से जांच कराया जाय तो योजना में लूट खसोट व कमीशन का सबसे बड़ा खेल होने से इंकार नहीं किया जा सकता. मामला मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत हरिपुर कला पंचायत के वार्ड नंबर 12 का बताया जा रहा है.

मधेपुरा में सरकार की योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल एक बार फिर खुल गई है. विश्वास का पुल बनाने का दावा करने वाली सरकार की पुल आज बिना आंधी, तूफान, बारिश और बाढ़ के धाराशाही हो जा रही है. यही हाल मधेपुरा जिला में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर स्वच्छ नल का जल योजना का भी है. तमाम दावों के बाद भी अधिकांश जगहों पर लाखों-करोड़ों खर्च के बाद भी जनता को दो बूंद स्वच्छ जल नहीं मिल पाई. भ्रष्टाचार का आलम तो यह है कि जब टंकी में पानी भरी जाती है तो वो भी भरभरा कर नीचे गिर जाती है.

मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में शामिल नल जल योजना के तहत लगाये गये पाइप व टंकी की गुणवता की पोल पानी सप्लाई होने के साथ ही खुलने लगी है. कहीं टंकी में पानी भरते ही भरभराकर गिर जा रहा है तो कहीं पाइप से ही बीच में पानी निकलने लगा है. मुरलीगंज प्रखंड के 17 पंचायतों में नल जल योजना की बद से बदतर स्थिति है. पिछली बार बेलो पंचायत में कुछ ऐसा ही मामला हुआ, जहां पानी सप्लाई होते ही मीनार की छत सहित टंकी भरभराकर गिर पड़ी. इस टंकी से पानी की आपूर्ति सभी तक पहुंचा भी नहीं कि पानी टंकी गिर गया. बताया जाता है कि पांच-पांच हजार लीटर की क्षमता वाली दो टंकियां लोहे की मीनार पर रखी गई थीं. मीनार की छत जल का दबाव सहन नहीं कर पाई. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कितना मानक के अनुसार कार्य हुआ है. घटना के वक्त वहां पर कोई मौजूद नहीं था. वरना कोई अनहोनी हो सकती थी. उल्लेखनीय है कि पानी टंकी के निर्माण में मानकता के उल्लंघन से इंकार नहीं किया जा सकता. 

लगातार नल जल योजना के कार्यों में बरती जा रही अनियमितता की पोल अब धीरे धीरे खुलती जा रही है. कार्यों में काफी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. हर घर नल का जल पहुंचाने की सरकार की महात्वाकांक्षी योजना को फेल कराने पर एजेंसी लगी हुयी है. इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे लोग

लोगों का कहना है कि वार्ड 12 के नल जल योजना के क्रियान्वयन में भारी लूट खसोट की गई है. जिसके चलते जब टंकी में पहली बार पानी चढ़ाया गया तो टावर का छत गिर गया और ऊपर लगी 2 टंकी आपस में टकराकर नीचे आ गिरी. अगर पहले ही योजना का कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया होता तो ऐसी नौबत ही नहीं आती, लेकिन यहां राशि का दुरुपयोग किया गया है. जिसके चलते अब तक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल का लाभ नहीं मिल पाया है. आक्रोशित ग्रामीणों का यह भी कहना है कि नल जल योजना का कार्य कितनी गुणवत्ता से हुआ है? अंदाजा इसी से बात से लगाया जा सकता है कि टंकी में पानी चढ़ते ही टावर मुड़ गया व एक टंकी जमीन पर आ गिरा. लोगो की मांग है कि अब इस योजना की गहनता से जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. 

प्रखंड में ऐसे कई मामले आए सामने

जिला में अबतक एक दर्जन से अधिक जलमीनार पानी भरते ही ध्वस्त हो चुके हैं. प्रशासनिक स्तर पर ऐसे संवेदकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करवाई गई. मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत बेलों पंचायत में प्रखंड में पानी टंकी ध्वस्त होने के मामले में जिले के आला अधिकारियों ने यह कह कर मामले को दबा दिया कि रातों-रात उसे ठीक कर लिया गया. वेल्डिंग करा कर नई टंकी डाल कर खानापूर्ति कर दी गई.

वहीं मामले में पीएचइडी प्रखंड कनीय अभियंता विक्रांत कौशिक से जब घटना के विषय में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि पानी के कारण जल मीनार नट बोल्ट में जंग लग कर टूट गया. वहीं उनसे कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि निर्माण करने वाले संवेदक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अब कहां तक क्या कार्रवाई की जाती है यह बड़ा सवाल है.

मामले में हरिपुर कला पंचायत के मुखिया व प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार ने कहा कि यह टेंडर वर्क पीएचईडी के माध्यम से किया गया है. प्रखंड के किसी भी पंचायत में यह योजना अपने उद्देश्य में सफल नहीं है. जिस किसी भी संवेदक से जल मीनार का निर्माण करवाया गया चाहे पाइप बिछाई गई उन्होंने गुणवत्ता हीन सामानों से जल मीनार एवं पाइप बिछाई है. एक भी घर में सुचारू रूप से नल जल नहीं चलता है. जो पाइप लाइन बिछाई गई है वह सभी जगह से टूटी फूटी है. घर तक पानी पहुंचता ही नहीं है जो शुद्ध पेयजल का उपयोग आम लोगों को हो सकेगा.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा नल जल योजना, बिना आंधी तूफान के ही धराशाई हो गया पानी टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा नल जल योजना, बिना आंधी तूफान के ही धराशाई हो गया पानी टंकी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 12, 2023 Rating: 5

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