विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि गैस के दामों में वृद्धि से जनता परेशान है। लोगों की कमाई कम है, लेकिन महंगाई लगातार बढ़ाई जा रही है, बेरोजगारी ज्यादा है। लिहाजा, घरेलू गैस के दामों में वृद्धि का फैसला वापस लिया जाना चाहिए। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले आठ वर्षों में 12 बार कीमत बढ़ाई है। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद, इस देश में सब कुछ कॉरपोरेट्स को सौंप दिया गया है। देश के गरीब और कमजोड़ जनता का लगातार शोषण किया जा रहा है। यह पूरी तरह से पूंजीपति और कॉरपोरेट परस्त है। जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा सरकारी आंकड़े बताती है की यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार ने पिछले दस वर्षों में दो लाख चौदह हजार करोड़ रुपए गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दिया है जबकि मोदी सरकार पिछले नौ वर्षो में केवल छत्तीस हजार करोड़ रुपए सब्सिडी दिए है । जबकि यूपीए सरकार के समय अंतराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतें वर्तमान समय से अधिक थी इसके बावजूद गैस की कीमतें कम ही रही लेकिन मोदी सरकार लगातर गैस के दरों में वृद्धि कर रही है । जिससे साफ साबित हो रहा है की पूर्व की यूपीए सरकार जनता का बोझ अपने सिर रखती थी लेकिन आज मोदी सरकार पूंजीपतियों का बोझ जनता के सिर रखकर उनका शोषण कर रही है।
एनएसयूआइ जिला महासचिव नवीन कुमार और छत्रनेता सुमन कुमार ने कहा कि यह सरकार देश विरोधी है । देश की गरीब जनता का शोषण कर पूंजीपतियों की तिजोरी भर रही है । सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी । विरोध प्रदर्शन में मुख्यरूप से एनएसयूआई छत्रनेता कृष्णमोहन कुमार, सागर कुमार, अवनीश कुमार, नीतीश कुमार, सुमन झा, निशांत कुमार, मंजेश कुमार, हेमंत कुमार, दिलखुश कुमार, मोहित कुमार, अवधेश कुमार, सुमन कुमार, राजेश कुमार, विपुल कुमार, दिवेश कुमार, सोनू कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे ।

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