अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में विफल रही है प्रशासन से लेकर सरकार : पप्पू यादव

जिले में लगातार गिरती कानून व्यवस्था व बढ़ते अपराध पर शासन और प्रशासन वर्तमान समय में दोनों ही अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है. अपराध करने के बाद अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ती है फिर चंद दिनों में जेल से बाहर आकर नए अपराध की घटना को अंजाम देते हैं. पुलिस एवं कानून का जैसे खात्मा होता जा रहा है. 

रविवार को दिन के 1:00 बजे बिहारीगंज प्रखंड में पिछले शनिवार को दिनदहाड़े पूर्व जनप्रतिनिधि की हत्या के बाद जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने पूर्व प्रमुख कृष्ण कुमार यादव की हत्या पर शोक संतप्त परिवारों से मिलकर सांत्वना दी.  वहीं उन्होंने प्रेस वार्ता कर जिले में बढ़ते अपराध पर पुलिस प्रशासन की नाकामयाबी को गिनाया तथा कहा कि अपराधियों पर अंकुश लगाने में मधेपुरा पुलिस विफल साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि समय पर अपराधियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल नहीं होने से अपराधी जेल से छूट जाते हैं. उन्हें सजा नहीं मिल पाने के कारण उनका मनोबल और भी बढ़ जाता है.

ठोस और कड़े कानून अपराध नियंत्रण के लिए आवश्यक

आए दिन छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं. इसके साथ ही हत्या, लूट और डकैती आम बात हो चुकी है. अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को ठोस कदम उठाना चाहिए. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करती है, लेकिन जेल से बाहर निकलने के बाद वे फिर से गलत काम करने लग जाते हैं. ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत है.

स्मैक, कफ सिरप, नशीली दवाई, नशे की सुई, अवैध शराब की बिक्री के कारण बढ़ रही आपराधिक वारदातें, जिले में बढ़ते अपराध व इसके जिम्मेदार विषय पर ग्रामीणों से से चर्चा की गई. शनिवार को दिन में बभनगामा में गोली मारी गई तो शाम में ग्वालपाड़ा में. उन्होंने तेजी से अपराध बढ़ने की बात कही है. पुलिस और जिला प्रशासन को जिम्मेदार बताया. नशाखोरी के कारण आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है. यदि शराब व अन्य नशीली पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिए जाए तो करीब 95 प्रतिशत अपराध कम हो जाएगा. अपराध बढ़ने की वजह सिर्फ नशा है. शासन-प्रशासन स्तर पर ही नशा पर रोक लग सकती है.

जेल में बनती है अपराध की योजना

जेल में बंद अपराधियों पर नहीं लग पा रहा अंकुश. पुलिस अपराधियों को दबोच कर जेल भेजती है ताकि उस पर अंकुश लगाया जा सके लेकिन जेल जाने के बाद अपराधी और निरंकुश होते जा रहे हैं. हाल के दिनों में रंगदारी धमकी दिए जाने, हमले एवं हत्याओं के हर मामले में जेल के कनेक्शन सामने आते हैं. पुलिस अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर चार्जशीट तो दे देती है लेकिन जेल के अंदर चल रही आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में प्रयास नहीं किया जा रहा है. जेल प्रशासन भी जेल में पनप रहे अपराध पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है.

अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में विफल रही है प्रशासन से लेकर सरकार : पप्पू यादव अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में विफल रही है प्रशासन से लेकर सरकार : पप्पू यादव Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 19, 2023 Rating: 5

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