यूरिया के लिए परेशान किसान, बिस्कोमान में रहता है अफरा-तफरी का माहौल

मुरलीगंज प्रखंड के किसानों को नहीं मिल पा रही यूरिया, वहीं पड़ोसी जिले के किसान बिस्कोमान में मचाते हैं अफरा-तफरी का माहौल, भूमिहीन ले जाते हैं कालाबाजारी करने के लिए यूरिया

मुरलीगंज एनएच 107 मधेपुरा-पूर्णिया गौशाला चौक के पास कृषि उत्पादन बाजार समिति के समीर बिस्कोमान भवन में यूरिया के लिए इस ठंड के प्रकोप में भी सुबह के 3:00 बजे से ही महिला और पुरुषों की लंबी कतारें नजर आई हालांकि यूरिया की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किसान काफी परेशान नजर आए तो गेहूं की पहली सिंचाई के लिए यूरिया की बड़ी किल्लत ने किसानों के सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. यूरिया के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. उधर यूरिया के लिए किसान बिस्कोमान भवन का चक्कर लगाते रहते हैं.

वहीं आज दिन के सुबह 11:30 बजे पुलिस की मौजूदगी में बिस्कोमान मैनेजर द्वारा आधार कार्ड लेकर किसानों के बीच यूरिया वितरण प्रारंभ करवाया गया तो बीच में किसानों की लाइन में ही कुछ बिचौलिए और आपराधिक किस्म के आदमियों द्वारा वितरण में किसानों के साथ धक्का-मुक्की किया जाने लगा. कई बार लाइन में ही तू तू मैं मैं की नौबत आ जाती है. 

कई किसानों ने लाइन में यहां आरोप लगाया कि यहां पड़ोस के पूर्णिया जिले से सटे होने के कारण सबसे ज्यादा पड़ोस के जिले से ही लाइन में लगकर यूरिया आधार कार्ड पर भूमिहीन उठाकर कालाबाजारी करते हैं.

महिला किसानों को इस ठंड में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा. बिस्कोमान में महिलाओं को कोई भी सुविधा नहीं होने के कारण धक्का-मुक्की करते नजर आए महिला किसानों ने बताया कि यूरिया की किल्लत के कारण लाइन में लगना पड़ रहा है क्योंकि हमारे घर के पुरुष खेती करके बाहर कमाने चले गए. वहीं कई किसानों के नंबर आते ही काउंटर बंद हो गए और कई किसान वापस मुंह लटकाए चले गए. उन्होंने बताया कि 12 बजे रात से जगना मेरा बेकार हो गया.

वहीं किसान बृजेश कुमार ने बताया कि 265 रु० का यूरिया बाजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 600 के पार पहुंच गई है. कुछ व्यापारी मुरलीगंज बाजार में तो रात के अंधेरे में ऊंची कीमतों पर किसानों को यूरिया बेचते हैं. किसान बाजार में ऊंची कीमत देकर यूरिया खरीदने को विवश हो गए हैं. यूरिया की कालाबाजारी से किसानों की जेब ढीली हो गई है. आज से यूरिया खाद का निर्धारित कीमतों पर वितरण किए जाने से किसानों ने जहां राहत की सांस ली वहीं कुछ किसानों ने बताया कि बाजार में यूरिया की बोरी के साथ नैनो यूरिया की लिक्विड भी लेने के लिए कुछ खाद विक्रेताओं द्वारा जोर डाला जा रहा है. वहीं किसान नैनो लिक्विड खाद नहीं खरीदना चाहते हैं. नैनो लिक्विड खाद के लिए यूरिया खाद की एक नई विकल्प उभर कर आ रही है लेकिन किसान लिक्विड लेना पसंद ही नहीं कर रहे हैं. रबी के फसलों की पटवन तेजी से चल रही है जिससे यूरिया की मांग बढ़ गई है.

बिस्कोमान मैनेजर ऋषि कुमार ने बताया कि 400 बोरी यूरिया आया था, जिसमें आज मात्र 195 बोरी यूरिया का ही वितरण हो पाया है.

यूरिया के लिए परेशान किसान, बिस्कोमान में रहता है अफरा-तफरी का माहौल यूरिया के लिए परेशान किसान, बिस्कोमान में रहता है अफरा-तफरी का माहौल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 09, 2023 Rating: 5

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