बता दें कि बरदाहा से पथराहा जाने वाली सड़क किनारे चकला गांव के समीप गेहूं के खेत में पुआल के बोझ तले एक मासूम की रोते हुए आवाज सुनकर एक मुसाफिर रुक कर बच्चे के तरफ गया तो 1 माह के करीब बच्ची कपड़े में लिपटी हुई रो रही थी. तभी वहां कोई नहीं रहने के कारण वह मुसाफिर बरदाहा की तरफ चला गया और इसकी सूचना मीडिया को दी.
वहां के लोगों के मुंह से केवल यही सुनाई दे रहा था कि कितनी बेदर्द मां है जो इसको फेंक कर चली गई. मासूम शिशु को देख लोगों की आंखें नम हो गई और लोगों के मुख से यही निकल रहा था जाको राखे साइयां मार सके ना कोई.
वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने बताया कि बच्चा फिलहाल ठीक है. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वैसे हेल्थकेयर को सूचना दे दी गई है. आसपास के लोगों से यह जानकारी ली जा रही है कि हाल में किस के घर में बच्चा जन्म लिया था. बच्ची देखने से 1 माह से भी कम की लग रही है. अब तक उसके परिजन का पता नहीं लगा है.

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