प्रारंभिक व हाई स्कूलों में बच्चों को कृमि से बचाने को लेकर कृमि मुक्ति दिवस पर एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीआरसी व सीआरसी को एल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध कराई गई थी. यह दवा बच्चों को पेट में कीड़ा मारने के लिए दी जाती है. कोरोना काल में स्कूलों के लगातार लंबे समय से बंद रहने के कारण एल्बेंडाजोल का वितरण स्कूलों में नहीं हो रहा था. स्कूल खुलने पर इसकी शुरुआत की गई है. यह दवा बच्चों को छह माह के अंतराल पर दी जाती है. इसके लिए स्कूलों में व्यवस्था की गई थी. स्कूल के शिक्षक व शिक्षिकाओं ने अपने सामने बच्चों को गोली खिलाई.
स्वास्थ्य विभाग मुरलीगंज के डॉ संजीव कुमार से बताया कि एक से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. दो साल तक बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी और इससे अधिक उम्र के लोगों को पूरी गोली खिलाई जाएगी. यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में चल रहा है. एल्बेंडाजोल की दवा बच्चों को चबाकर खानी है. इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है इसलिए लोगों से मेरी अपील है कि जिसके घर में 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, उन्हें एल्बेंडाजोल की दवा जरूर खिलाएं. वहीं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आमारी के शिक्षक डॉ सुनील कुमार के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं के 770 नामांकित छात्रों में से 363 छात्र छात्राओं को कृमि की दवा खिलाई गई.
मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी मौजूद थे.

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