बताया जाता है कि प्रखंड जदयू अध्यक्ष के लिए महीने भर से दो गुटों के बीच जमकर प्रचार प्रसार किया गया था। दोनों तरफ से जीत हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार दोनों अभ्यर्थियों द्वारा अपने अपने पक्ष में मत हासिल करने के लिए मतदाताओं के बीच सघन जनसंपर्क अभियान चलाया था और सक्रिय कार्यकर्ता से मिलकर प्रखंड अध्यक्ष बनाने के लिए अपील की थी।
जनता दल यूनाइटेड के वरीय नेताओं के द्वारा चुनाव पर्यवेक्षक अबू सालेह सिद्दीकी और निर्वाचित पदाधिकारी निर्मल ठाकुर को बनाया गया था। उनके देखरेख में मतदान का प्रक्रिया शुरू हुआ। इस दौरान वर्तमान जदयू अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने नामांकन किया तो दूसरी ओर गौरी यादव ने नामांकन किया। यहां मतदाता के रूप में पार्टी के सक्रिय सदस्य की संख्या 410 थी। जिसमें से 343 सक्रिय सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दो लोगों के द्वारा किए गए नामांकन को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच सरगर्मी बढ़ा दिया जिससे दोनों गुटों के पीछे टकराव की आशंका बढ़ गई । टकराव की आशंका को देखकर पुलिस बल का सहारा लिया गया और प्रशासन के देखरेख में चुनाव कराया गया। शैलेंद्र कुमार के पक्ष में 287 मत मिले जबकि गौरी यादव के पक्ष में 52 मत हासिल हुआ। यानी 235 मतों से शैलेंद्र कुमार ने जीत हासिल की।
मौके पर थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह, एस आई गजेंद्र पासवान, केडी यादव और प्रभाकर राय सहित जदयू कार्यकर्ता मौजूद थे।

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